राम गाथा : 'रंग के साथी' राम काज करिबे को आतुर , रामायण पर केंद्रित पेंटिंगें बनाईं

मध्यप्रदेश के सागर शहर में कलाकार असरार अहमद और उनके 'रंग के साथी' ग्रुप ने 'राम गाथा' शीर्षक से रामायण के प्रसंगों पर केंद्रित पेंटिंगें तैयार कीं

विज्ञापन
Read Time: 26 mins
'राम गाथा' के तहत रंग के साथी ग्रुप के कलाकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंगेंं.
सागर:

अयोध्या में 22 जनवरी को जब भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी तब इस शहर से 526 किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश के सागर शहर में कलाकार असरार अपने ब्रश से भगवान राम के केवट से मिलने के प्रसंग को जीवंत बनाने में तन्मयता से जुटे थे. अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी और असरार अपने फन से भगवान राम के प्रति उनके भक्त के अगाध प्रेम को प्राणवान कर देना चाहते थे. हालांकि राम के प्रति उनका और उनके साथी कलाकारों के समूह 'रंग के साथी' ग्रुप का 'राग' नया नहीं है. वे पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर पेंटिंगें बना रहे हैं.  

'रंग के साथी' ग्रुप ने अब तक 'राम गाथा' सीरीज के तहत 32 पेंटिंग बनाई हैं. इन कलाकारों का रामायण पर केंद्रित पेंटिंगें बनाने का सिलसिला अभी थमा नहीं है. असरार कहते हैं कि, ''अभी तक रामायण के प्रमुख प्रसंगों के चित्र तैयार किए हैं, अभी बहुत कुछ और बनाना है. रामायण में सैकड़ों प्रसंग हैं, हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी प्रसंगों में अपनी श्रद्धा के रंग भरकर उन्हें आकार दे सकें.''  

भगवान राम के जन्म से लेकर अयोध्या वापसी तक की चित्र-कथा

राम गाथा सीरीज के तहत बनाई गई पेंटिंगों में भगवान राम के जन्म से लेकर उनके वन गमन और फिर अयोध्या वापसी तक की चित्र-कथा है. असरार अहमद ने NDTV को बताया कि, ''फिलहाल 18 और पेंटिंगें तैयार की जा रही हैं. इनके तैयार होने के बाद हमारी राम गाथा की कुल 50 पेंटिंगें तैयार हो जाएंगी. इसके बाद राम गाथा को आगे बढ़ाने के लिए काम शुरू करेंगे.''   

असरार अहमद ने बताया कि प्रत्येक पेंटिंग 16.5 और 23.5 इंच की ए-2 साइज की शीट पर बनाई गई है. इन पेंटिंगों को बनाने के लिए वाटर कलर का उपयोग किया गया है. प्रत्येक पेंटिंग को तैयार करने में करीब एक माह का वक्त लगा.  

Advertisement
हर कलाकार ने अपनी कल्पना के रंगों का सृजन किया

उन्होंने कहा कि, ''राम गाथा में हमारे 'रंग के साथी' हमेशा साथ रहे हैं. मैंने तो कुछ पेंटिंगें ही बनाई हैं, बाकी सब हमारे साथियों का कृतित्व है. जब से यह काम शुरू किया, तब से हमारे साथी कलाकार हमेशा 'राम काज करबे को आतुर' रहे. हमने प्रसंग चुने, उन पर चर्चा की और फिर हर कलाकार ने अपनी कल्पना के रंगों का सृजन किया.''     

Advertisement

रंग के साथी ग्रुप के संचालक असरार और उनके कुछ साथी

उन्होंने बताया कि, ''सारी पेंटिंग रियलिस्टिक हैं और इनमें विभिन्न भारतीय शैलियां देखी जा सकती हैं. रामायण सीरीज की इन पेंटिंगों को समूह के 19 कलाकारों ने तैयार किया है. यह साथी कलाकारों के जोश और जुनून से आकार ले सकी हैं.''   

Advertisement

असरार ने बताया कि उनकी 'राम गाथा' की प्रदर्शनियां सागर शहर के अलावा इंदौर में आयोजित की जा चुकी हैं. वे कहते हैं कि, ''सरकार से उनके ग्रुप को कोई मदद नहीं मिलती, यह तो इन कलाकारों का जोश है कि वे सिर्फ पेंटिंग बनाते ही नहीं, इसमें खर्च होने वाली राशि भी खुद वहन करते हैं.'' 

Advertisement
सरकार भले ही आर्थिक मदद न दे, कम से कम पहचान तो दे

असरार 20 साल से अधिक समय से कला सृजन में जुटे हैं. नाटकों के लिए पोस्टर और सेट तैयार करने के साथ उन्होंने अपनी कला यात्रा शुरू की थी. बाद में इसके साथ-साथ वे पेंटिंगें बनाने लगे. वे सिर्फ पेंटिंगें बनाते ही नहीं हैं बल्कि पेंटिंग में रुचि लेने वालों को सिखाते भी हैं. रंग के साथी ग्रुप में 12 साल से 40 साल तक के कलाकार हैं. इनमें कोई छात्र है तो कोई गृहिणी है, कोई नौकरीपेशा है तो कोई डॉक्टर, इंजीनियर जैसा प्रोफेशनल है.  

  कलाकार असरार अहमद  

उन्होंने कहा कि, ''भले ही सरकारें मदद न दें, लेकिन कम से कम हमारे काम को पहचान तो मिले. हम एक छोटे से शहर में हैं, जहां संभावनाएं सीमित हैं. हम चाहते हैं कि हमारा काम राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाए. हमें मौके मिलें, प्रोत्साहन मिले, तो हम और बहुत कुछ, और भी बेहतर कुछ कर सकेंगे.'' 

दीवारों पर पेंटिंग करके लोगों में चित्रकारी में रुचि जगाई  

संस्था रंग के साथी ग्रुप की स्थापना सन 2000 में हुई थी. इसका उद्देश्य नई प्रतिभाओं को आगे लाना है. रंग के साथी ग्रुप ने शुरुआत में शहर को सुंदर बनाने के लिए सार्वजनिक भवनों की दीवारों पर चित्रकारी की. इससे शगर के लोगों में पेंटिंग के प्रति रुचि जागी और शहर का सौंदर्य बढ़ गया. यह ग्रुप नियमित पेंटिंग करने के साथ-साथ समय-समय पर पेंटिंग की वर्कशॉप भी आयोजित करता है.

रंग के साथी समूह ने बुंदेलखंड की कलाओं और परंपराओं पर केंद्रित पेंटिंगें भी बनाई हैं. इसमें बुंदेलखंड की लोक चित्रकारी शैली का उपयोग भी किया. 

Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War: यूक्रेन पर मिसाइल दागकर Vladimir Putin ने मददगारों को धमकाया | NDTV India