"एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश": अखबार के संपादकीय पर राज्यसभा सांसद

डेक्कन हेराल्ड के एक संपादकीय लेख पर राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने विरोध जताया है और उनसे इमानदार माफी की मांग की है. जानें किस बात से नाराज हुए सांसद...

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
भाजपा सांसद ने मीट बैन पर सवाल उठाने वाले अखबार से माफी की मांग की है.

गुजरात के पालिताना में मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध पर एक अखबार के संपादकीय पर एक राज्यसभा सांसद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने इस दैनिक समाचार पत्र पर एक अल्पसंख्यक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है और माफी की मांग की है. डेक्कन हेराल्ड के संपादक को कड़े शब्दों में लिखे पत्र में, भाजपा सांसद लहर सिंह सिरोया ने कहा, "मुझे आश्चर्य है कि आपका अखबार एक बड़ी संख्या वाले अल्पसंख्यक समुदाय की तुलना में दूसरे कम संख्या वाले अल्पसंख्यक समुदाय की वकालत कर रहा है. आप क्या कर रहे हैं?" क्या जैनियों को अपने पवित्र शहर में अपनी आस्था और अहिंसा के विश्वास का पालन करने का साधारण अधिकार नहीं है?"

'मांस प्रतिबंध बहुसंख्यक आबादी की खाद्य संस्कृति की उपेक्षा करता है' ('Meat ban disregards majority food culture')शीर्षक से अपने संपादकीय में डेक्कन हेराल्ड ने प्रमुख जैन तीर्थ स्थल पालिताना में मांसाहारी भोजन बेचने या उपभोग करने पर प्रतिबंध पर टिप्पणी की और कहा कि यह जैन समुदाय के आदेश पर लगाया गया था.

माफी की मांग की

अखबार पर जैन संस्कृति और उसके सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक को टारगेट करने का आरोप लगाते हुए कर्नाटक से सांसद सिरोया ने कहा कि मुस्लिम समुदाय जैन संतों और भावनाओं का "बहुत सम्मान" करता है. दोनों समुदाय वहां सद्भाव से रहते हैं. एक अखबार को दो समुदायों के बीच कलह पैदा करने का प्रयास नहीं करना चाहिए. आप जानबूझकर समस्या को दिखाने के लिए अपने पाठकों को गलत तरीके से पेश किया. मैं दशकों से डेक्कन हेराल्ड का पाठक रहा हूं और इसके महान संस्थापकों के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है, लेकिन मुझे लगता है कि इस संपादकीय के साथ अखबार ने कुछ ऐसा करने की कोशिश की है कि वह आमतौर पर एक अल्पसंख्यक समुदाय को दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ करता है. मैं इस रवैये का पुरजोर विरोध करता हूं और कम से कम मैं आपसे ईमानदार माफी की उम्मीद करूंगा, आपने मेरी और मेरे समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
UP News: बेहतरीन English Speaking Skills पर फिर भी कोई Job नहीं, Homeless की तरह रहने पर मजबूर का दर्द