राज्यसभा में तीसरे सप्ताह 11% बढ़ी प्रोडक्टिविटी, 17 दलों के 68 सांसदों ने 8 बिलों पर की चर्चा

राज्य सभा में पहले तीन हफ्तों के दौरान व्यवधानों के कारण सदन के 78 घंटों में से 60 घंटे बर्बाद हो गए थे. सदन में शून्यकाल के 197 निवेदन और 153 विशेष उल्लेख के अवसर हंगामें की भेंट चढ़ गए.

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मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में तीसरे हफ्ते में कुल 8 विधेयक पारित हुए हैं.
नई दिल्ली:

संसद के मानसून सत्र के दौरान (Monsoon Session of Parliament) राज्य सभा (Rajya Sabha) में तीसरे हफ्ते 8 विधेयकों के पारित होने से मानसून सत्र के तीसरे सप्ताह की उत्पादकता बढ़कर 24% हो गई है. राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक, इस सप्ताह 17 दलों के 68 सदस्यों ने 8 विधेयकों पर चर्चा की. 

पिछले सप्ताह की उत्पादकता 13.70% रही थी जो अब बढ़कर 24.20% हो गई है लेकिन पहले सप्ताह के दौरान देखी गई 32.20% उत्पादकता से कम हो गई है. मानसून सत्र के पहले तीन हफ्तों में सदन की कुल उत्पादकता 22.60 प्रतिशत रही है.

राज्य सभा में पहले तीन हफ्तों के दौरान व्यवधानों के कारण सदन के 78 घंटों में से 60 घंटे बर्बाद हो गए थे. सदन में शून्यकाल के 197 निवेदन और 153 विशेष उल्लेख के अवसर हंगामें की भेंट चढ़ गए.

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बता दें कि पहले दो हफ्तों में राज्यसभा की नौ बैठकों के दौरान केवल 1.38 घंटे ही प्रश्नकाल चल सका था. यह कार्य अवधि मुख्य रूप से संसद के प्रति कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए है. हालांकि, इस दौरान सदन ने विधायी कार्य पर 1.24 घंटे बिताए, जिसमें चार विधेयक पारित हुए. इसमें सात सदस्यों ने हस्तक्षेप किया था.

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