रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार को नारायण उर्फ भुलई भाई (Bhulai Bhai)से दिल्ली में यूपी भवन में भेंट की. 106 वर्ष के नारायण उर्फ भुलई भाई जनसंघ-भाजपा के देश में सबसे पुराने कार्यकर्ता हैं. वे 1951 में विजयादशमी के दिन जनसंघ की स्थापना से ही जुड़े हुए हैं. संयोग की बात है कि दिल्ली में राजनाथ सिंह से उनकी मुलाकात भी दशहरे की पूर्व संध्या पर हुई. दरअसल, दिल्ली आए नारायण, रक्षा मंत्री से मिलना चाहते थे. यह पता चलने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि वे क्यों आएंगे, मैं खुद उनसे मिलने जाऊंगा. इसके बाद राजनाथ यूपी भवन में भुलई भाई से मिलने गए. राजनाथ ने उन्हें धोती-कुर्ता और शॉल देकर सम्मानित किया.
राजनाथ से मिलने के बाद भुलई भाई की आंखों में आंसू थे. वे कहने लगे, 'उनसे मिल कर मैं जवान हो गया. आज कृष्ण सुदामा से मिलने आए.' भुलई भाई दो बार यानी 1974 और 1977 में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के नौरंगिया विधानसभा से जनसंघ के चुनाव चिन्ह दीपक पर विधायक रहे हैं. संयोग है कि राजनाथ भी तब विधायक थे और दोनों एक विधानसभा में बैठा करते थे. प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड महामारी के प्रकोप के समय भुलई भाई से फोन पर बात कर उनका कुशल क्षेम पूछा था.
एक नवम्बर 1914 को जिले के रामकोला विकास खण्ड के पगार गांव में अनुसूचित जाति के परिवार में पैदा हुए भुलई भाई ने आगरा विश्वविद्यालय से एमए व गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड करने के बाद 1962 में डिप्टी सब इंस्पेक्टर पद पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी की शुरूआत की.1966 से 1970 तक वे डिप्टी इंस्पेक्टर पद पर देवरिया में कार्यरत रहे. नौरंगिया से विधायक चुने जाने से पहले उन्होंने 3 मार्च 1974 को नौकरी से इस्तीफा दे दिया. वह पुनः वर्ष 1977 में भी वे विधायक चुने गए.श्री नारायण उर्फ़ भुलई भाई प.दीनदयाल उपाध्याय जी के विचारों से आजीवन प्रभावित रहे. उन्होंने पण्डित जी के साथ तरुण भारत, राष्ट्रधर्म, पांचजन्य व आर्गेनाइजर के प्रकाशन में सम्पादन व छपाई का भी कार्य किया. भुलई भाई बताते हैं कि 1951 में विजयादशमी के दिन जब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी व पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ जनसंघ की स्थापना हुई तभी से वे संगठन से जुड़े थे. वह दो वर्ष तक जनसंघ में राष्ट्रीय प्रचारक रहे.
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