जब कोर्ट में फूट-फूटकर रो पड़ा राजकोट अग्निकांड का आरोपी, दस्तावेज मांगने पर बोला- आग में जल गए

Rajkot Gaming Zone Tragedy: राजकोट गेमिंग जोन आग हादसे के बाद तीनों आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया. जहां आरोपियों के पास गेम जोन में काम करने वाले कर्मचारियों का डेटा भी नहीं था.

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नई दिल्‍ली:

राजकोट गेमिंग जोन आग हादसे (Rajkot Game Zone Fire Tragedy) के तीन आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. तीन युवराज सिंह सोलंकी, राहुल राठौड़ और नितिन जैन को आज कोर्ट में पेश किया गया था. इनमें से एक आरोपी युवराज सिंह सोलंकी कोर्ट में ही फूट-फूटकर रो पड़ा. सोलंकी ने कोर्ट में अफसोस व्यक्त किया और रोने लगा. सोलंकी TRP गेम जोन के संचालकों में से एक है. वहीं हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्‍य सरकार ने सात सरकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. 

विशेष लोक अभियोजक तुषार गोकानी ने कोर्ट में कहा कि आरोपी के पास कोई दस्तावेज नहीं है. जांच अधिकारी के पूछने पर उसने कहा कि दस्तावेज आग में जल गए. साथ ही उन्‍होंने कहा कि टीआरपी गेम जोन में कितने लोग काम कर रहे थे उसका डेटा आरोपियों के पास नहीं है. साथ ही उन्‍होंने अदालत में कहा कि जिस मंजिल पर आग लगी थी उस मंजिल पर मौजूद कर्मचारी दरवाजा बंद कर चला गया था, ऐसा जांच के दौरान पुलिस को एक पीड़ित महिला ने बयान में बताया है. 

उन्‍होंने कहा कि इस गेम जोन को फायर एनओसी भी नहीं मिली थी. आरोपियों ने चार मई के दिन स्ट्रक्चर रेगुलराइज करने के लिए अर्जी दी थी. उन्‍होंने कहा कि इस गेम जोन को बनाने के लिए फेब्रिकेशन से बनाया गया है. इसमें बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रिक वायरिंग लगाई गई थी. फायर विभाग ने बताया कि उस गेम जोन में फायर सेफ्टी के योग्‍य सिस्टम नहीं थे. 

उन्‍होंने कहा कि गर्मी की छुट्टियों का दिन होने के कारण यहां पर काफी भीड़ थी. इसके लिए विशेष ऑफर भी दिया गया था, जिसमें पहले की तुलना में टिकट को सस्‍ता रखा गया था. फिर भी उस समय वेल्डिंग का काम क्यों चल रहा था यह सबसे बड़ा सवाल है. उन्हें वेल्डिंग का काम बंद रखना चाहिए था. 

सरकार ने 7 अधिकारियों को किया निलंबित 

राजकोट गेम जोन हादसे के बाद राज्य सरकार ने सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. वहीं अग्निकांड के बाद राजकोट पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव का तबादला कर दिया गया है और उन्‍हें अभी पोस्टिंग नहीं दी गई है. उनकी जगह पर ब्रजेश कुमार झा को राजकोट का कमिश्नर बनाया गया है. गुजरात हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्‍य सरकार ने यह कदम उठाया है. 

गुजरात हाईकोर्ट ने लिया है स्‍वत: संज्ञान 

राजकोट अग्निकांड मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने स्‍वत: संज्ञान लिया है और इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए यहां तक कह दिया कि अब हमें स्थानीय व्यवस्था और राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है और क्या राज्य सरकार अभी तक सो रही थी जबकि यह टीआरपी गेम जोन 4 साल चल रहा था. 

गुजरात हाईकोर्ट ने ये कहा था : 

(1) राजकोट गेम जोन अनधिकृत परिसर में था. 

(2) इसे सरकारी नियमानुसार नियमित करने की मंजूरी मांगी गई थी. 

(3) फायर सेफ्टी को लेकर 4 साल से सुनवाई चल रही है. कई निर्देशों के बाद भी कई घटनाएं घट चुकी हैं. 

(4) 4 साल से हाई कोर्ट ने कई फैसले और निर्देश दिए हैं. उसके बाद भी प्रदेश में 6 घटनाएं हुईं. अदालत ने राजकोट नगर निगम से स्पष्टीकरण मांगा है. 

(5) राजकोट अग्निकांड की दुर्घटना कोई सलाह देने वाली दुर्घटना नहीं, सरकार इस बात को याद रखे. 

(6) FSL, CCTV के आधार पर क्या जांच हुई. राजकोर्ट पुलिस इस बात का खुलासा करे. 

(7) क्राइम ब्रांच SIT सहित की टीम ने क्या किया, जवाब पेश करो. 

राजकोर्ट नगर‍ निगम को भी लगाई है फटकार 

इस मामले में राजकोट नगर निगम ने कोर्ट में माना है कि इस मुद्दे पर उनकी मंजूरी नहीं ली गई है. हालांकि हाईकोर्ट ने राजकोट नगर निगम को भी फटकार लगाई और कहा कि क्या आप अंधे हो गए थे. 4 साल से यह गेम जोन चल रहा था और क्या हम मान लें कि आपने आंखें मूंद ली थी.  

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इस मामले में हाईकोर्ट ने हादसे के बाद कलेक्टरों, नगर निगम आयुक्तों, पुलिस आयुक्तों, क्षेत्रीय आयुक्तों, जिला विकास अधिकारियों, जिला पुलिस अधिकारियों, मुख्य अधिकारियों से उनके अधिकार क्षेत्र के तहत खेल क्षेत्रों का विवरण मांगा था. वहीं गुजरात हाईकोर्ट ने 3 जून तक राज्य सरकार को कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने को कहा है और उसके बाद 6 जून को आगे की सुनवाई की जाएगी. 

अब तक 3 की गिरफ्तारी, 3 की तलाश जारी 

वहीं सरकार ने इस मामले में 7 लोग को निलंबित कर दिया गया है. इसमें राजकोट महानगर पालिका के टाउन प्लानिंग विभाग के अधिकारी, मार्ग मकान विभाग अधिकारी, राजकोट पुलिस के अधिकारी, लाइसेंस डिपार्टमेंट इंस्पेक्टरऔर फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज के स्टेशन ऑफिसर भी शामिल हैं. इस मामले में अब राजकोट क्राइम ब्रांच ने अब तक 3 लोगों की गिरफ्तारी की है और 3 लोगों की तलाश की जा रही है, जो फरार हैं. 

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इस हादसे के बाद राजकोट बार एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि आरोपी की तरफ से कोई भी वकील इस केस में खड़ा नहीं होगा. वहीं राजकोट पुलिस आयुक्त को एक पत्र भी लिखा जा रहा है, जिसमें और धाराएं शामिल करने की मांग की जाएगी. 

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस जांच में सामने आया है कि TRP गेम जोन के पास फायर NOC नहीं था (इसके लिए उन्होंने मई 2024 में अर्जी दी थी). इस गेम जोन के पास लेआउट प्लान का भी अप्रूवल नहीं था और न ही कंस्‍ट्रक्‍शन बिल्डिंग यूज सर्टिफिकेट नहीं था. 

2017 में एग्रीकल्‍चर लैंड, 2021 में बना गेम जोन 

यह बात भी सामने आई है कि जिस जमीन पर यह गेम जोन है, वहां पर साल 2017 से पहले एग्रीकल्‍चर लैंड थी. साल 2017 में इस लैंड को रेजिडेंशियल उद्देश्‍य के लिए इस्तेमाल किया जाए, इसका प्लान पास कराया गया था. हालांकि साल 2021 में इस लैंड पर गेम जोन बना दिया गया, जिसे बनाने के लिए स्‍वीकृति इनके पास नहीं थी. 

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टीआरपी गेम जोन के पास एंटरटेनमेंट लाइसेंस था, जिसे गुजरात पुलिस द्वारा गुजरात पुलिस एक्ट की संबंधित धारा के तहत दिया जाता है. जांच में पता चला कि जो गेम जोन साल 2021 में चालू हुआ था, उसने एंटरटेनमेंट लाइसेंस लेने के लिए भी नवम्बर 2023 में अप्लाई किया था. 

बता दें कि गुजरात के राजकोट में शनिवार को एक गेमिंग जोन में आग लग गई थी. इस हादसे में नौ बच्‍चों सहित 32 लोगों की मौत हो गई थी. 

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