करौली दंगा: कर्फ्यू में आज दी गई 2 घंटे की ढील, बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती; 36 लोग हिरासत में

राजस्थान के करौली शहर में लगे कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी गई है. इस दौरान बच्चों को स्कूल जाकर परीक्षा देने की अनुमति दी गई है. दरअसल शहर में शनिवार रात को दो गुटों के बीच झड़प के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था.

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पुलिस की ओर से इस मामले में अब तक 36 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
करौली:

राजस्थान के करौली शहर में लगे कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी गई है. इस दौरान बच्चों को स्कूल जाकर परीक्षा देने की अनुमति दी गई है. दरअसल शहर में शनिवार रात को दो गुटों के बीच झड़प के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था. लेकिन आज इसमें थोड़ी सी ढील दी गई है. बाजार को दो घंटे सुबह और दो घंटे शाम को खोलने की इजाजत है. इस दौरान लोग आवश्यक सामग्री खरीद सकें. सरकारी अधिकारी भी अपने कार्यस्थल पर जा सकते हैं. हालांकि शहर में भारी पुलिस तैनाती जारी है. शहर में निकास और प्रवेश बिंदुओं पर आवाजाही प्रतिबंधित है. जिले में 1300 से अधिक पुलिसकर्मी, 7 अग्निशमन यंत्र, दंगा रोधी वाहन तैनात किए गए हैं. दंगों की जांच एक विशेष जांच दल को दी गई है.

पुलिस की ओर से इस मामले में अब तक 36 लोगों को हिरासत में लिया गया है. वहींं बीजेपी और कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल द्वारा शहर का दौरा भी दिया गया है. विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर के नेतृत्व में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र का दौरा किया और जिला अधिकारियों से मुलाकात की. उन्होंने सरकार पर दंगे होने देने का आरोप लगाया है और ये भी कहा है कि शहर में अशांति पूर्व नियोजित थी. ये एक प्रशासनिक विफलता है कि पुलिस को पहले की स्थिति के बारे में सतर्क नहीं किया गया था. बीजेपी प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को दंगों पर रिपोर्ट सौंपेगा.

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रफीक खान के नेतृत्व में कांग्रेस की एक टीम ने भी करौली का दौरा किया और प्रशासन से शहर में अशांति और सामाजिक अशांति को भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा.

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क्या है पूरा मामला 

गौरतलब है कि शनिवार को नवसंवत्सर के उपलक्ष्य में मुस्लिम बहुल क्षेत्र से निकाली गयी मोटरसाइकिल रैली पर असामाजिक तत्वों द्वारा पथराव के बाद पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव के चलते करौली में कर्फ्यू लगाया गया था. उपद्रव की इन घटनाओं में लगभग 35 लोग घायल हो गए थे.

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पुलिस की एक विशेष जांच टीम को इस मामले की जांच सौंपी गई है. ऐसा प्रतीत होता है कि दंगे पूर्व नियोजित थे. एसआईटी का नेतृत्व एक अतिरिक्त एसपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं. 

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