राजस्थान विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगकर अनुकरणीय मिसाल पेश की है. जोशी ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगकर नैतिकता, आस्था और निष्ठा के उच्चतम आयामों को छुआ है और मुख्यमंत्री स्तर के किसी भी व्यक्ति ने देश में शायद पहली बार ऐसी विनम्रता की मिशाल पेश की है.'' जोशी के अनुसार यह राज्य के सभी कांग्रेसजनों का मान बढ़ानेवाला अनुकरणीय कदम है.
उन्होंने कहा, "सीएम गहलोत ने आज जो उदाहरण (कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव नहीं लड़ने के लिए) रखा है, उसकी पर्याप्त सराहना नहीं की जा सकती. उन्होंने कभी भी पार्टी आलाकमान के आदेशों की अवहेलना नहीं की. अगर पार्टी हमें आधिकारिक नोटिस भेजती है, तो हम अपना पक्ष रखेंगे."
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में सोनिया से मुलाकात की थी और जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने की घटना के लिए उनसे माफी मांगी. उन्होंने यह भी कहा कि वह अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे.
पार्टी आलाकमान की ओर से उस घटना के लिए दो मंत्रियों सहित तीन लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जिनमें जोशी भी शामिल हैं. प्रदेश के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने ताजा घटनाक्रम पर कहा, 'जो मुख्यमंत्री गहलोत के शब्द हैं, वही हम सभी (विधायकों) के शब्द हैं.'
राज्य में मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलों के बारे में मंत्री ने कहा,'(गहलोत) मुख्यमंत्री बने रहेंगे या नहीं इस बारे में फैसला सोनिया गांधी ही करेंगी.' वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता व उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया,' राजस्थान की राजनीति में अस्थिरता का भयंकर दौर प्रारंभ हो गया.
कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधीजी से बैठक के बाद मुख्यमंत्री गहलोत का यह कहना कि 'मुझे दु:ख है मैं मुख्यमंत्री होने के बाद भी कांग्रेस के प्रस्ताव को पास नहीं करा पाया' और इस मामले में माफी मांगना उनकी अक्षमता को दर्शाता है.
कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए. उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने गए. विधायक दल की बैठक के लिए जयपुर आए पार्टी पर्यवेक्षक अजय माकन एवं मल्लिकार्जुन खड़गे इंतजार करते रहे और अंतत: बैठक नहीं हुई. पार्टी ने विधायकों का विधायक दल की आधिकारिक बैठक में शामिल न होकर उसके समानांतर बैठक करने को ‘‘अनुशासनहीनता'' माना व तीन नेताओं को नोटिस जारी किए.
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