- पाली जिले के अरटिया गांव में एक युवती को उसके परिवार ने तीन महीने तक लोहे की जंजीरों में बांधकर कैद रखा
- पारिवारिक विवाद के कारण युवती की मानसिक स्थिति खराब हुई और परिवार ने आर्थिक तंगी में यह अमानवीय कदम उठाया
- सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन और चिकित्सा विभाग ने युवती को मुक्त करवाया
राजस्थान के पाली जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया. जिले के रोहट उपखंड के अंतर्गत आने वाले अरटिया गांव में एक युवती को उसके ही परिवार ने पिछले तीन महीने से पैरों में लोहे की जंजीरें डालकर घर में कैद कर रखा था. जैसे ही इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, प्रशासन और चिकित्सा विभाग तुरंत हरकत में आए और युवती को मुक्त कराकर पाली के बांगर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पारिवारिक विवाद से शुरू हुई दर्दनाक कहानी
मामले की जड़ें चार महीने पहले के एक पारिवारिक विवाद से जुड़ी हैं. जानकारी के मुताबिक युवती के पिता और उनके भाइयों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ, जो मारपीट तक पहुंच गया. विवाद की आग में युवती भी झुलसी और उसके साथ भी मारपीट की गई. इस घटना का असर उसकी मानसिक स्थिति पर गहरा पड़ा. धीरे-धीरे वह चुप रहने लगी, बात करना बंद कर दिया और अंततः उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया.
परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से ही बेहद कमजोर थी. मजदूरी करने वाले परिजनों के सामने मुश्किल यह थी कि वे काम पर जाएं या युवती की लगातार देखभाल करें. हालात से परेशान होकर उन्होंने एक बेहद अमानवीय और गलत कदम उठाया युवती के पैरों में लोहे की जंजीर डाल दी और उसे घर में कैद कर दिया.
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, प्रशासन हरकत में आया
लंबे समय तक यह मामला गांव तक ही सीमित रहा, लेकिन हाल ही में युवती की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसमें साफ देखा जा सकता था कि युवती जंजीरों में बंधी है और गुमसुम हालत में बैठी है. वीडियो वायरल होने के बाद रोहट प्रशासन और चिकित्सा विभाग तुरंत सक्रिय हुआ. अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर युवती को जंजीरों से मुक्त कराया और एंबुलेंस के जरिए बांगर अस्पताल में भर्ती करवाया.
अस्पताल में चल रहा इलाज
डॉक्टरों का कहना है कि युवती गहरे मानसिक आघात से गुजर रही है और उसका लंबा इलाज करना होगा. फिलहाल उसे प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है और विशेषज्ञों की देखरेख में रखा गया है. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि युवती की हालत में धीरे-धीरे सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
सरकारी योजनाओं से वंचित परिवार
गांव के लोगों ने बताया कि युवती का परिवार बेहद गरीब है और उन्हें सरकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. स्थिति यह है कि परिवार को रोज मजदूरी करनी पड़ती है ताकि घर का खर्च चल सके. ऐसे में जब युवती बीमार पड़ी और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी सामने आई, तो परिवार के पास कोई विकल्प नहीं बचा.
यही मजबूरी उन्हें उस दर्दनाक कदम की ओर ले गई, जिसमें उन्होंने युवती के पैरों में जंजीर डाल दी. हालांकि, यह किसी भी रूप में जायज़ नहीं ठहराया जा सकता. प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि अब परिवार को योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और युवती का इलाज पूरी तरह सरकार की ओर से करवाया जाएगा.
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