राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने विधानसभा चुनाव (Rajasthan Elections 2023) से पहले "मिशन 2030" (Congress Mission 2023) पर सभा-संवाद और देव दर्शन कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है. गहलोत अगले 9 दिनों तक पूरे राजस्थान का दौरा करेंगे. इस दौरान 18 जिलों को टच करेंगे और 38 निर्वाचन क्षेत्रों में जाएंगे. उनकी यात्रा "मिशन 2030" आउटरीच का भी एक हिस्सा है. सीएम गहलोत 2030 तक राजस्थान के लिए अपने दृष्टिकोण के बारे में जनता से सीधी बात करेंगे. यह अनौपचारिक रूप से उनके चुनाव अभियान की शुरुआत भी है.
अशोक गहलोत की रणनीति में 'सॉफ्ट हिंदुत्व' भी शामिल है. वह अपने अभियान के दौरान महत्वपूर्ण मंदिरों का भी दौरा करेंगे. राजधानी जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम से सीएम अशोक गहलोत ने मिशन 2030 पर इसकी शुरुआत कर दी है. उन्होंने ज्वेलर्स, रत्न विक्रेताओं, ज्योतिषियों और कारीगरों से संवाद किया. गहलोत आचार संहिता लगने से पहले 18 जिलों में सभाएं और देव दर्शन करेंगे.
महिलाओं के नेतृत्व वाली 4 बैठकों में लेंगे हिस्सा
कुल मिलाकर अशोक गहलोत इस यात्रा के दौरान 10 मंदिरों का दौरा करेंगे. महिलाओं के नेतृत्व वाली 4 बैठकों, 10 नुक्कड़ सभाओं में भाग लेंगे. 16 स्थानों पर लोगों से अनौपचारिक बातचीत करेंगे. 11 स्थानों पर टाउनहॉल और 8 स्थानों पर युवाओं से संवाद होगा. गहलोत इस चुनाव में युवा मतदाताओं को गेम-चेंजर के रूप में देखते हैं.
इन मंदिरों के करेंगे दर्शन
गहलोत की 'सॉफ्ट हिंदुत्व' की पिच इस तथ्य से भी स्पष्ट है कि इन 9 दिनों में वह सालासर हनुमान मंदिर और खाटू श्याम जी - शेखावाटी क्षेत्र के दोनों महत्वपूर्ण मंदिरों का दौरा करेंगे. इसके अलावा सीएम गहलोत बिकानेर के देशनोक में करणी माता मंदिर, बांसवाड़ा के त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, राजसमंद के चारभुजा नाथ मंदिर, नागौर जिले के खरनाल में तेजाजी मंदिर, नाथद्वारा श्रीनाथ जी मंदिर, कल्लाजी मंदिर निंबाहेड़ा में दर्शन करेंगे.
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