"कौन क्या कर रहा, मतलब नहीं": सचिन पायलट के अनशन पर बोले CM अशोक गहलोत

सचिन पायलट ने अपने अनशन पर कहा था, "मैंने सिर्फ करप्शन पर कार्रवाई के उद्देश्य के लिए अनशन रखा था. अगर कोई बात संगठन की होती, तो मैं संगठन से बात करता."

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अशोक गहलोत ने एक इंटरव्यू में सचिन पायलट को 'गद्दार' बताया था.

नई दिल्ली:

राजस्थान में सचिन पायलट ने एक बार से अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पायलट ने 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन किया. वह वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटालों की जांच की मांग को लेकर वर्तमान सीएम अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे थे. अब राजस्थान के सीएम ने सचिन पायलट के अनशन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पायलट के अनशन के बारे में पूछने पर गहलोत ने कहा, "कौन क्या कर रहा है, इससे मतलब नहीं है." 

सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट आज कथित तौर पर पार्टी नेतृत्व से मिलने के लिए दिल्ली जा रहे हैं. हालांकि, पायलट की पार्टी के वरिष्ठ नेता से मुलाकात की संभावना अब तक निर्धारित नहीं है. वहीं, पार्टी सूत्रों पायलट के कांग्रेस नेतृत्व से मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया है.

कांग्रेस ने अनशन को बताया था पार्टी विरोधी गतिविधि
दरअसल, सचिन पायलट मंगलवार को किए गए उपवास के बाद कांग्रेस ने कड़ी चेतावनी दी है. पार्टी की ओर से कहा गया कि उनकी ओर से इस तरह का अब कोई भी कदम पार्टी विरोधी गतिविधि मानी जाएगी. वहीं इस मामले में लगातार चुप्पी साधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है.

बिना कांग्रेस के चिह्न और फोटो के पायलट ने किया अनशन
कांग्रेस का नाम और चुनाव चिन्ह इस्तेमाल किए बगैर पायलट ने मंगलवार को जयपुर में अपना एकदिवसीय उपवास किया. इसमें बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ आरोपों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया गया.
 

CM गहलोत से जांच की मांग करता हूं- पायलट
मंगलवार को अनशन के बाद सचिन पायलट ने कहा, "मैंने सिर्फ करप्शन पर कार्रवाई के उद्देश्य के लिए अनशन रखा था. अगर कोई बात संगठन की होती, तो मैं संगठन से बात करता. साल भर से मैं मुख्यमंत्री से मांग कर रहा था. भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हमारा संघर्ष जारी रहेगा."

भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलना चाहिए
सचिन पायलट ने कहा- 'सुखजिंदर सिंह रंधावा कुछ दिन पहले ही प्रभारी बने हैं. मैंने पूर्व के प्रभारियों से भी बात की थी, लेकिन यह भ्रष्टाचार का मामला अभी तक बना हुआ है. हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलना चाहिए. भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी.'

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करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी
पायलट ने कहा-"भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी रही है. ऐसे में कार्रवाई भी होनी चाहिए. मुझे उम्मीद है कि कार्रवाई जरूर होगी. भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. हम चाहते हैं कि देश और प्रदेश में स्वच्छ राजनीति हो."

गहलोत ने पायलट को बताया था 'गद्दार'
इससे पहले अशोक गहलोत ने बीते साल नवंबर में NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत की, जिसमें वह अपने पूर्व डिप्टी सचिन पायलट पर बहुत बुरी तरह बरसे, और पूरी बातचीत में उन्हें छह बार 'गद्दार' कहकर पुकारा. उन्होंने कहा, "एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं बन सकता... हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता, एक ऐसा शख्स, जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं... ऐसा शख्स, जिसने विद्रोह किया... उन्होंने पार्टी को धोखा दिया, वह गद्दार हैं..."

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इंटरव्यू के दौरान अशोक गहलोत ने 2020 में हुई 'बगावत' के बारे में विस्तार से बताया, "यह संभवतः हिन्दुस्तान में पहली बार हुआ होगा, जब एक पार्टी अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार गिराने की कोशिश की..." अशोक गहलोत ने कोई सबूत पेश नहीं किया, लेकिन कहा कि इस बगावत को 'भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने फंड किया था' और इसके पीछे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित BJP के वरिष्ठ नेता शामिल थे.

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