राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य का बजट पेश करने के तुरंत बाद शुक्रवार को विधानसभा में भाजपा नेताओं ने विरोध जताया और गहलोत पर पुराना बजट पढ़ने का आरोप लगाया. बीजेपी ने कहा कि बजट तकनीकी रूप से लीक हो गया है, क्योंकि राज्य सरकार के अधिकारी बजट की कॉपी लेने के लिए दौड़ पड़े. छबड़ा से भाजपा के विधायक प्रतापसिंह सिंघवी ने मुख्यमंत्री से नया बजट लाने की मांग करते हुए कहा कि बजट की कॉपी मुख्यमंत्री के अलावा और कोई नहीं लाता है, लेकिन यहां तो यह चार-पांच हाथों से गुजरी है.
मुख्यमंत्री ने सदन की कार्यवाही के दोबारा शुरू होते ही आरोपों का खंडन किया और कहा कि बजट लीक नहीं हुआ है और पिछले साल के बजट का एक अतिरिक्त पृष्ठ था, जिसे संदर्भ के लिए नए दस्तावेजों में रखा गया था. गहलोत ने फिर से बजट पेश करने से पहले कहा, "मुझे खेद है, जो हुआ वह गलती से हुआ." उन्होंने कहा, ''आप (विपक्ष) खुद बता सकते हैं कि मेरे हाथ में बजट में जो लिखा है और सदन के सदस्यों को जो प्रति दी गई है, उसमें क्या अंतर है. यदि गलती से मेरी बजट कॉपी में कोई पेज जुड़ गया है तो बजट लीक होने की बात कैसे आ गई?"
गहलोत ने एक ट्वीट में कहा, "भाजपा सिर्फ यह दिखाना चाहती है कि वह राजस्थान के विकास और तरक्की के खिलाफ है. इनका मनगढ़ंत आरोप कि बजट लीक हो गया यह दर्शाता है कि बजट को भी यह अपनी ओछी राजनीति से नहीं छोड़ेंगे. 'बचत, राहत, बढ़त' में एक ही बाधा है - भाजपा."
बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत ने दोहराया कि बजट लीक होने के आरोप झूठे हैं. उन्होंने कहा, "मेरे सॉरी बोलने के बाद हंगामा करने की कोई जरूरत नहीं थी."
गहलोत ने बजट 2023-24 के बजाय शहरी रोजगार और कृषि बजट को लेकर पिछले बजट के अंश पढ़े. जैसे ही उन्होंने 2022-23 के बजट में पहली दो घोषणाएं कीं, विपक्ष वेल में आ गया.
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि एक मुख्यमंत्री का विधानसभा में पेश किए जाने वाले बजट को पढ़े या जांचे बिना आना दिखाता है कि वे अपने राज्य में किस तरह से शासन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "ऐसा राज्य निश्चित रूप से पीड़ित होगा."
राजे ने कहा, "मुख्यमंत्री आठ मिनट तक पुराना बजट पढ़ते रहे. यह ऐतिहासिक है. मैं भी मुख्यमंत्री रही हूं. मैं दो बार, यहां तक कि तीन बार बजट पढ़ती थी और हाथ में लेने से पहले सबकुछ जांचती थी. एक मुख्यमंत्री इतने बड़े दस्तावेज को बिना जांचे-परखे सदन में ला सकते हैं और पुराने बजट को पढ़ सकते हैं तो आप समझ सकते हैं कि उनके हाथ में राज्य कितना सुरक्षित है."
केंद्रीय मंत्री और जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने नए बजट के लिए प्रचार किया, लेकिन पुराना पढ़ दिया.
उन्होंने इसे लेकर ट्वीट किया, "गजब बे-सुध रहते हैं गहलोत जी, इस साल के बजट का चुनावी प्रचार किया और पढ़ने लगे पुराना बजट! जनता कुशासन से फैले अंधकार में राहत की रोशनी की सोच रही थी यहां मुख्यमंत्री की बत्ती ही गुल हो गई. समझ नहीं आ रहा, हंसे या रोएं!"
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने विपक्ष से व्यवस्था बनाए रखने को कहा, लेकिन विपक्ष ने हंगामा जारी रखा, जिसके कारण सदन स्थगित करना पड़ा. कार्यवाही स्थगित होने के बाद भाजपा विधायक सदन के वेल के अंदर धरने पर बैठ गए.
यह मौजूदा सरकार का आखिरी बजट होगा, क्योंकि राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
आगामी राज्य चुनावों को लेकर कांग्रेस सत्ता में बरकरार रहने की कोशिश कर रही है. गहलोत ने बार-बार कहा है कि आगामी बजट युवाओं और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करेगा और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा.
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