राजस्थान में डिप्टी SP के पैरों पर क्यों गिरे BJP विधायक? थाने में धरना भी दिया, जानिए पूरा मामला

राजस्थान से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां भाजपा के एक विधायक थाने में डिप्टी एसपी के पैरे छूते नजर आए. बीजेपी विधायक थाने में ही धरने पर बैठ गए.

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थाने में बीजेपी विधायक ने पकड़े डिप्टी एसपी के पैर.
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  • राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के गढ़ी विधानसभा से बीजेपी विधायक कैलाश मीणा ने थाने के बाहर धरना देकर थानाधिकारी पर माफियाओं से मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाए.
  • विधायक ने कहा कि गढ़ी थाना अपराधियों की धर्मशाला बन चुका है, जहां भूमाफिया और एजेंट दिनभर बैठकर जनता की नहीं बल्कि दलालों की सुनवाई करते हैं.
  • विधायक ने परतापुर कस्बे में जमीन कब्जे और मोर गांव में भूमि विवाद से जुड़ी शिकायतों में पुलिस की निष्क्रियता और पक्षपातपूर्ण रवैये की बात कही.
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बांसवाड़ा (राजस्थान):

राजस्थान में भू-माफियाओं और पुलिस की मिलीभगत के आरोपों के बीच खुद सत्ताधारी दल के विधायक को थाने के बाहर धरने पर बैठना पड़ा. मामला राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की है. दरअसल बांसवाड़ा के गढ़ी विधानसभा से बीजेपी विधायक कैलाश मीणा ने गढ़ी थाने में पहुँचकर थानाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए और डिप्टी एसपी के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा पैर पकड़ लूं क्या, अब कार्रवाई करिए.

विधायक का आरोप- थानाधिकारी माफियाओं से मिले हैं

विधायक का कहना है कि गढ़ी थानाधिकारी रोहित कुमार माफियाओं से मिले हुए हैं और जनता की नहीं, दलालों और भू-माफियाओं की सुनते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि थाने को अपराधियों की धर्मशाला बना दिया गया है, जहां भूमाफिया और एजेंट दिनभर बैठे रहते हैं.

शिकायत दिए जाने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

विधायक मीणा परतापुर कस्बे में ज़मीन कब्जे और मोर गांव में भूमि विवाद से जुड़ी शिकायतों के निपटारे की माँग लेकर थाने पहुँचे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि इन दोनों मामलों में पीड़ितों ने थाने में रिपोर्ट दी लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. यही नहीं थाने का स्टाफ भी पीड़ितों को टालता रहा और बार-बार पूछने पर संतोषजनक जवाब नहीं देता.

थाने में धरने पर बैठे बीजेपी विधायक व अन्य.

आदिवासियों पर झूठे मुकदमे दर्ज करने का भी आरोप

विधायक ने आरोप लगाया कि गढ़ी थाना क्षेत्र में गरीब आदिवासियों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं अवैध वसूली हो रही है और पुलिस जानबूझकर जांच लंबित रखती है ताकि माफियाओं को फायदा मिल सके. उन्होंने कहा कि थानाधिकारी की कार्यप्रणाली पूरी तरह पक्षपातपूर्ण और भ्रष्टाचार से जुड़ी है.

थाने में विधायक के धरने की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे वरीय अधिकारी

धरने की सूचना मिलते ही गढ़ी के डिप्टी एसपी सुदर्शन पालीवाल मौके पर पहुँचे और विधायक को आश्वस्त किया कि शिकायतों को वरिष्ठ अधिकारियों तक भेजा गया है और जांच के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद विधायक धरने से उठे. विधायक की नाराज़गी की मुख्य वजह दो प्रमुख मामलों में निष्क्रियता है.

  • पहला मामला अबापुरा थाना क्षेत्र का है जहां गढ़ी के पूर्व मंडल अध्यक्ष के पोते और एक युवती के शव संदिग्ध अवस्था में फंदे से लटके मिले थे, लेकिन परिजनों की शिकायत के बावजूद पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने वाले की गिरफ्तारी नहीं की.
  • दूसरा मामला 2022 का है, जिसमें एक मृत महिला की जमीन को जालसाजी से बेच दिया गया. पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दी, लेकिन कार्रवाई के बजाय उसे ही थाने में बैठा दिया गया.

थानाधिकारी ने नहीं हो सकी बात

विवाद पर थानाधिकारी रोहित कुमार का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली और थानों में भू-माफियाओं की पहुँच पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जब सत्ताधारी दल का विधायक खुद थाने में न्याय के लिए हाथ जोड़ने को मजबूर हो, तो आम जनता की स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.

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