वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ या दीया कुमारी? राजस्थान में CM की रेस में कौन-कौन शामिल

राजस्थान की सत्ता में जनता ने रिवाज बरकरार रखते हुए सत्ता बदलने का फैसला दिया है. यहां बीजेपी ने कांग्रेस से सत्ता छीन ली है. चुनाव में बीजेपी ने किसी भी चेहरे को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया था, जबकि इससे पहले चार चुनाव में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को ही आगे कर चुनाव लड़ती रही है.

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बीजेपी खेमे से वसुंधरा ने करीब 60 चुनावी सभाएं की, जो राज्य में हुई चुनावी रैलियों में सबसे ज्यादा है.

नई दिल्ली/जयपुर:

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections Result 2023)में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है. मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से बीजेपी ने 163 सीटें जीत ली है. राजस्थान की 200 में से 199 सीटों (1 सीट पर चुनाव नहीं हुए) पर बीजेपी (BJP) को 115  सीटों पर जीत हासिल हुई है. छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से 54 सीटें बीजेपी के खाते में गई है. इनमें से राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी. अब तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री (Who Will Be Rajasthan New CM) बनाना बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. शिवराज सिंह, वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje), रमन सिंह का अपने अपने प्रदेश में खासा वर्चस्व है. बड़ा सवाल है कि क्या बीजेपी फिर से इन्हें सीएम घोषित करेगी या इस बार नए चेहरों को मौका देगी.

राजस्थान की सत्ता में जनता ने रिवाज बरकरार रखते हुए सत्ता बदलने का फैसला दिया है. यहां बीजेपी ने कांग्रेस से सत्ता छीन ली है. चुनाव में बीजेपी ने किसी भी चेहरे को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया था, जबकि इससे पहले चार चुनाव में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को ही आगे कर चुनाव लड़ती रही है. इस बार बीजेपी 'सामूहिक नेतृत्व' पर चुनाव लड़ी थी. आइए जानते हैं राजस्थान में बीजेपी की जीत के बाद मुख्यमंत्री की रेस में कौन से नाम हैं:-

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वसुंधरा राजे 
वसुंधरा राजे राजस्थान में बीजेपी की सबसे कद्दावर नेताओं में से एक हैं. उनका सियासी ग्राफ पूरे प्रदेश में है. राजे का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे नजर आ रहा है, लेकिन शीर्ष नेतृत्व के साथ उनके रिश्ते बहुत अच्छे नहीं रहे हैं. ऐसे में वसु्ंधरा राजे को पार्टी क्या फिर से मुख्यमंत्री बनाएगी. इस पर सस्पेंस दिख रहा है, लेकिन जिस तरह से वसुंधरा के गुट के तमाम नेता जीतकर आए हैं, उससे चलते उन्हें इग्नोर करना मुश्किल है.

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चुनाव से पहले हुए कई सर्वे में प्रदेश की 27 फीसदी जनता ने माना कि इस बार अगर बीजेपी जीतती है, तो सीएम वसुंधरा राजे को ही होना चाहिए. चुनाव प्रचार अभियान की बात करें, तो इसमें भी वसुंधरा राजे ने सबसे अधिक सुर्खियां बटोरी हैं. बीजेपी खेमे से वसुंधरा ने करीब 60 चुनावी सभाएं की, जो राज्य में हुई चुनावी रैलियों में सबसे ज्यादा है.

बाबा बालकनाथ
राजस्थान में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले बीजेपी सांसद महंत बालकनाथ का नाम भी सीएम रेस में चल रहा है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से तुलना करते हुए उन्हें राजस्थान का योगी बताया जा रहा है. ओबीसी वर्ग से आने वाले महंत बालकनाथ मस्तनाथ मठ के आठवें महंत हैं. पार्टी ने बालकनाथ को तिजारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया. चुनाव से पहले NDTV के सर्वे में 13 फीसदी लोगों ने महंत बालकनाथ को बतौर सीएम पसंद किया था. सीएम रेस में वसुंधरा के बाद दूसरे नंबर पर बालकनाथ ही हैं. 

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दीया कुमारी 
जयपुर राजघराने से ताल्लुक रखने वालीं दीया कुमारी इस समय राजसमंद से बीजेपी की सांसद हैं. पार्टी ने इन्हें जयपुर की विद्याधरनगर सीट से प्रत्याशी बनाया. इस सीट पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी नरपत सिंह राजवी का टिकट काटा गया था. दीया कुमारी को वसुंधरा राजे का विकल्प माना जा रहा है. हालांकि, चुनाव से पहले हुए सर्वे में दीया कुमारी को सीएम पद के तौर पर सिर्फ 3 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया था.

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गजेंद्र सिंह शेखावत
जैसलमेर के रहने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत इस समय केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं. वो जोधपुर लोकसभा सीट से सांसद है. गजेंद्र सिंह शेखावत की राजस्थान में अच्छी पकड़ मानी जाती है. कहा जाता है कि टिकट बंटवारे में भी शेखावत की अच्छी भूमिका थी. चुनाव से पहले NDTV के सर्वे में 6 फीसदी लोगों ने गजेंद्र सिंह शेखावत को मुख्यमंत्री पद के लिए पसंद किया था.

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सीपी जोशी 
राजस्थान के मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी भी सीएम की रेस में शामिल हैं. ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. उन्होंने अग्रिम मोर्चे से बीजेपी के चुनाव अभियान की कमान संभाली. हालांकि, चुनाव पूर्व हुए NDTV-CSDS के ओपनियन पोल में मात्र 3 फीसदी लोगों ने सीपी जोशी को पसंद किया था.

सतीश पूनिया
राजस्थान में बीजेपी की ओर से सीएम फेस के लिए सतीश पूनिया का भी नाम चल रहा है. सतीश पूनिया ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को राज्य में मजबूत किया. मूल रूप से चुरू जिले के राजगढ़ के रहने वाले सतीश पूनिया राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से भी जुड़े रहे हैं. साथ ही पार्टी की टॉप लीडरशिप से भी उनकी अच्छी बनती है.

राजस्थान के सीएम रेस में इन नामों के अलावा नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, सांसद राज्यवर्धन राठौड़ का नाम भी शामिल है.

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