ऑनलाइन देखी थी उसकी तस्वीर... रायसेन बलात्कार के आरोपी को पकड़वाने वाले दो युवकों ने बताई पूरी कहानी

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि एक अबोध बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ, लेकिन जैसा मैंने कहा था हमारी पुलिस छोड़ने वाली नहीं है, जरा भी ढिलाई हम पसंद नहीं करते, उसे भागते हुए शॉर्ट एनकाउंटर करते पकड़ा है. हमारी पकड़ से कोई भाग नहीं सकता.

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  • मध्य प्रदेश के रायसेन में छह साल की बच्ची से बलात्कार का आरोपी सलमान को छह दिन बाद गिरफ्तार किया गया है
  • आरोपी ने गिरफ्तार होने के बाद पुलिस की पिस्टल छीनकर फायरिंग की, जिसमें उसके पैर में गोली लगी है
  • MP में बच्चों के खिलाफ अपराध दर राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है, राज्य में इस तरह के मामले सबसे अधिक दर्ज हुए हैं
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भोपाल:

मध्य प्रदेश के रायसेन में 6 साल की बच्ची से रेप करने के आरोपी सलमान को 6 दिनों बाद गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस का कहना है कि उसने भागने की कोशिश की, जिसमें उसके पैर में गोली लगी. आरोपी का भोपाल के हमीदिया अस्पताल में इलाज चल रहा है. उसकी हालत खतरे से बाहर है. वहीं पीड़ित बच्ची का इलाज भी भोपाल के बड़े सरकारी अस्पताल में चल रहा है, उसकी हालत भी स्थिर है.

11 टीमें, 300 से ज्यादा पुलिसवाले और 144 घंटों की मशक्कत के बाद आखिरकार रायसेन में 6 साल की बच्ची के साथ बलात्कार का आरोपी 23 साल का सलमान पुलिस की गिरफ्त में आया.

सलमान 2 दिनों से भोपाल के गांधी नगर इलाके में घर ढूंढ रहा था. एक चाय की दुकान पर भी पहुंचा, जहां उसने कुछ सालों पहले काम किया था. नई बस्ती में रहने वाले अब्दुल, रिजवान और आसिफ नाम के लड़कों ने उसे देखा उन्हें शक हुआ, उन्होंने एक स्थानीय पुलिसवाले को तस्वीर भेजी और फिर उसी चाय की दुकान से सलमान दबोच लिया गया.

गिरफ्तारी के बाद जब उसे गौहरगंज ले जाया जा रहा था, तब पुलिस की गाड़ी औबेदुल्लागंज के जंगलों के पास पंचर हो गई, पुलिस के मुताबिक इसी दौरान उसने एक सब इंस्पेक्टर की सर्विस रिवॉल्वर छीन कर भागने की कोशिश की.

आरोपी ने पुलिस की पिस्तौल छीनकर की फायरिंग

इंस्पेक्टर विजय त्रिपाठी ने बताया कि दो गाड़ियां थीं, रात में हम लोग गांधीनगर से लेकर जा रहे थे, उसी दौरान जैसे ही हम किराटनगर के पास पहुंचे तो जो गाड़ी आगे चल रही थी, जिस गाड़ी में आरोपी था, वह गाड़ी पंचर हो गई. इस दौरान हमारे पुलिस अधिकारी नीचे उतरे तो आरोपी भी नीचे उतरा और पुलिस की पिस्तौल छीनकर फायर करने का प्रयास किया, उसने दो राउंड फायर भी किया और उसके बाद हमारे द्वारा हवाई फायर की गई. उसको चेतावनी दी गई कि पिस्टल छोड़ दे, लेकिन नहीं छोड़ा. फिर से उसने फायर किया उसके बाद हमारे द्वारा फायर किया गया, जिसमें एक गोली उसके पैर में लगी, जिससे वह घायल होकर नीचे गिर गया.

पुलिस इंस्पेक्टर ने आगे बताया कि फिर हम उसे अस्पताल ले गए. उसने श्याम राज की पिस्टल छीनने की कोशिश की थी. हमने चार फायर किए, जिसमें से एक गोली उसके पैर में लगी और वह नीचे गिर गया. देखने से लग रहा था कि उसे हाथियार चलाने का अनुभव पहले से था.

सलमान पर आरोप है कि 21 नवंबर को वो पीड़ित बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर जंगल में ले गया और उसके साथ रेप कर फरार हो गया. 6 दिनों तक रायसेन जिला उबलता रहा, नाराज लोगों ने सड़क जाम किया, थाने का घेराव किया और पथराव किया. मुख्यमंत्री नाराज हुए, खुद पुलिस हेडक्वॉर्टर पहुंचे और पुलिस कप्तान को हटाने का फरमान दिया, थाना प्रभारी भी सस्पेंड हुए.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि एक अबोध बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ, लेकिन जैसा मैंने कहा था हमारी पुलिस छोड़ने वाली नहीं है, जरा भी ढिलाई हम पसंद नहीं करते, उसे भागते हुए शॉर्ट एनकाउंटर करते पकड़ा है. हमारी पकड़ से कोई भाग नहीं सकता. ये पक्की बात है सबको लेकर चलने की भावना है लेकिन कोई कानून हाथ में लेगा तो हम उसको छोड़ने वाले नहीं हैं.

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आरोपी क्रशर में चौकीदार था, वैसे मोबाइल चोरी के एक मामले में भी सीहोर जिले के शाहगंज थाने का वो स्थायी वारंटी है.

उधर पीड़ित बच्ची की हालत स्थिर है, लेकिन उसके गाल सूजे हैं, दोनों घुटनों और हाथों पर गहरे चोट और छिलने के निशान हैं, उसके शरीर में और कई जख्म हैं, जिसे भरने में 6 महीने तक का वक्त लग सकता है. बच्ची फिलहाल आईसीयू में है.

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बाल अपराध के आंकड़े

देश में 2023 में बच्चों के खिलाफ 1,77,335 अपराध दर्ज किए गए, जो पिछले साल की तुलना में 9.2% ज्यादा हैं. मतलब है कि हर तीन मिनट में एक बच्चा शिकार होता है और हर आठ मिनट में POCSO (पॉक्सो) का एक मामला दर्ज किया जाता है. 90 प्रतिशत से अधिक मामलों में, आरोपी पीड़ित को जानने वाला होता है.

देश में बच्चों के खिलाफ अपराध दर बढ़कर 39.9 प्रति लाख बाल आबादी हो गई. इन आंकड़ों में मध्यप्रदेश का शर्मनाक आंकड़ा 13 फीसदी का है. जहां 2023 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 22,393 मामले दर्ज हुए. एमपी लगातार पांचवें साल बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए भारत का सबसे खराब राज्य है. यहां बच्चों के प्रति अपराध दर 77.9 प्रति लाख बच्चों पर है, जो राष्ट्रीय औसत से लगभग दोगुना है.

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