रेलवे ने 10 महीने की बच्ची को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी, मां-बाप की दुर्घटना में हो गई थी मौत

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) ने एक बयान में कहा, ‘‘चार जुलाई को एसईसीआर, रायपुर रेल मंडल के कार्मिक विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए 10 महीने की बच्ची का पंजीयन किया गया था.’’

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बच्ची 18 वर्ष की होने के बाद रेलवे में काम कर सकती है. (प्रतीकात्मक)
नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) में एक दुर्घटना में अपने माता-पिता को खोने वाली 10 महीने की बच्ची को रेलवे ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वह 18 वर्ष की होने के बाद रेलवे में काम कर सकती है. उन्होंने बताया कि राज्य के इतिहास में संभवत: पहली बार इस उम्र की बच्ची को अनुकंपा के आधार पर ऐसा प्रस्ताव दिया गया.अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों का उद्देश्य मृत सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करना है.

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) ने एक बयान में कहा, ‘‘चार जुलाई को एसईसीआर, रायपुर रेल मंडल के कार्मिक विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए 10 महीने की बच्ची का पंजीयन किया गया था.''

बयान में कहा गया है, ‘‘बच्ची के पिता राजेंद्र कुमार भिलाई के एक रेलवे यार्ड में सहायक के रूप में कार्यरत थे. एक जून को एक सड़क दुर्घटना में उनकी पत्नी के साथ उनकी मौत हो गई थी. हालांकि, बच्ची बच गई थी.''

इसमें कहा गया है, ‘‘कुमार के परिवार को रायपुर रेल मंडल द्वारा नियमानुसार हर संभव सहायता प्रदान की गई.''

अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने रेलवे के रिकॉर्ड में आधिकारिक पंजीकरण कराने के लिए बच्ची के उंगलियों के निशान लिए हैं.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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