"अगले 4 साल में लगा दिए जाएंगे सभी कवच सिस्टम, हर भौगोलिक स्थिति में करेगा काम" - रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

रेल मंत्री ने कहा कि कवच ड्राइवर से संबंधित कोई गलती होने पर उसको सॉल्व करेगा अभी तक जितनी टेस्टिंग हुई है उसमें 100 प्रतिशत ये काम कर रहा है. कवच सिस्टम से ट्रेन की स्पीड में कोई परिवर्तन नहीं आएगा.

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नई दिल्ली:

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने कहा है कि कवच का डेवलपमेंट एक सिस्टमेटिक वे में चल रहा था. कवच 4.0 हर भौगोलिक स्थिति में काम कर सके इसके लिए 17 जुलाई को पूरा हुआ.  रेलवे ने 10000 लोकोमोटिव में इसे लगाने का ऑर्डर दिया गया है.  अब बड़े स्तर पर इसे लागू किया जाएगा. जितने कवच पहले इन्टॉल हुआ था उसे भी 4.0 पर अपग्रेड किया जा रहा है.  इस हर भौगोलिक स्थिति जिसमें जंगल, रेत, पहाड़ सबमें काम करेगा.  मुम्बई और दिल्ली और दिल्ली से कोलकाता पर काम चल रहा था. अब चेन्नई से मुम्बई और चेन्नई से कोलकता पर काम शुरू होने वाला है. अक्टूबर से यह लगना शुरू हो जाएगा.  इसमें दो साल का वक्त लग जाएगा. 

रेल मंत्री ने कहा कि दिल्ली मुम्बई का काम अगले साल मार्च तक पूरा हो जाएगा.  चार हजार किलोमीटर एक साल में कवच लगाने का काम कवर करेगा.  तीन कम्पनी को इस काम के लिए लगाया गया है. दो और कम्पनी है जिसका बहुत ही एडवांस स्टेज पर है. 

इन दो कम्पनी के आने से 5.5 हजार किलोमीटर एक साल में कवच इन्टॉल हो पाएगा. चार साल के अंदर लगभग 20000 गाड़ियां कवर हो जाएगी. देश में हमारे 8,000 स्टेशन है.  इसे भी कवच से कम्पलीट करना है.  अगले साल जनवरी में 8000 स्टेशन के कवच के लिए टेंडर करेंगे. 70,000 किलोमीटर के ट्रैक पर अगले 2.5 साल में आरएफआईडी लग जाएगा.  दावा यह है कि दुनिया के बाकी सेफ्टी सिस्टम से कवच बेहतर है. अभी यूएचएफ से फोर जी में जा रहा है.  इसके बाद फाइव जी में शिफ्ट किया जाएगा.  रेल मंत्री का दावा है कि तीन बडे़ एक्सीडेंट का कारण ट्रैक, ड्राइवर का ऑपरेशन और तीसरा कारण कुछ बीच में आ गया था. 

टेस्टिंग में 100 प्रतिशत सफल रहा है कवच
कवच ड्राइवर से संबंधित कोई गलती है तो उसको सॉल्व करेगा अभी तक जितनी टेस्टिंग हुई है उसमें 100 प्रतिशत काम किया है. कवच सिस्टम से ट्रेन की स्पीड में कोई परिवर्तन नहीं आएगा. अभी तक हमारे देश में 60 से 70 के बीच का स्पीड ट्रैक है.  उसके बढ़ाकर 100 फिर 110 और फिर 130 करने की योजना है. वंदे भारत ट्रेन में भी कवच सिस्टम 4.0 अपडेट किया जाएगा. दो बैच में सभी इंजन में कवच सिस्टम लगा दिया जाएगा. 4 साल में सभी कवच सिस्टम लगा दिया जाएगा. 8 हजार रेलवे स्टेशन है उन सभी को 5 महीने में रडार सर्वे किया जाएगा. देशभर के सभी रेलवे स्टेशन का रेडर सर्वे किया जाएगा. ताकि कवच सिस्टम ट्रैक पर लगाने में आसानी होगी.

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स्टेशन पर कवच सिस्टम लगाने में लगता है अधिक समय
स्टेशन पर कवच सिस्टम लगाने में सबसे ज्यादा टाईम लगता है.जिसे भी जल्दी किया जाएगा. सोफ्टवेयर अपडेट किया जाएगा. हार्डवेयर अपडेट नहीं किया जाएगा. दुनियां में सबसे बेस्ट कवच सिस्टम भारत में है. कवच सिस्टम लगने के बाद दुघर्टना बहुत कम होगी ना के बराबर. ट्रैक से रिलेटेड, ड्राइवर के गलती और किसी और कारण से दुघर्टना होती.  कवच सिस्टम सभी प्रकार के दुर्घतना नहीं रोक पाएगी. लेकीन टेक्निकल दुर्घटना बहुत कम हो जाएगी.

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कवच क्या है?
कवच स्वदेशी रूप से विकसित ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) सिस्टम है. इसके लिए हाई लेवल के सुरक्षा सर्टिफिकेट की जरूरत होती है.

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कवच कैसे काम करता है?
कवच लोको पायलट के ब्रेक लगाने में फेल होने की स्थिति में ऑटोमेटिक रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन को तय स्पीड लिमिट के अंदर चलाने में मदद करता है. खराब मौसम के दौरान ट्रेन को सुरक्षित रूप से चलाने में भी ये मददगार साबित होता है.

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