भारतीय जनता पार्टी आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है. पार्टी के 11 करोड़ से अधिक सदस्य हैं. भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग 23 करोड़ वोट मिले. लेकिन भाजपा यहीं रुकने वाली है. हमारा पड़ाव है, भारत को एक बड़ी ताकत बनाना, एक विकसित देश बनाना. भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर रविशंकर प्रसाद ने NDTV से भाजपा की अब तक की यात्रा के बारे में विस्तार से बात की. इस दौरान उन्होंने परिवारवाद, जातिवाद, वंशवाद की राजनीति पर भी जमकर हमला बोला. लालू यादव और अखिलेश यादव के सामाजिक न्याय की भी बखिया उधेड़ी.
भारतीय जनता पार्टी आज जिस मुकाम पर पहुंची है, क्या पार्टी का शीर्ष आ गया है, या लगता है कि अभी और लंबा रास्ता तय करना बाकी है? रविशंकर प्रसाद ने इस पर कहा, "देखिए, भाजपा सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं है. इसका एक विजन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी महान लोगों और करोड़ों कार्यकर्ताओं के त्याग-बलिदान को सम्मानित किया है. चाहे वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी हों, दीनदयाल उपाध्याय हों, नानाजी देशमुख हों, अटल बिहारी वाजपेयी हों, लालकृष्ण आडवाणी हों, इसके अलावा हजारों कार्यकर्ता, केरल और पश्चिम बंगाल में कितने कार्यकर्ता मौत के घाट उतारे गए, बाकी राज्यों में भी संघर्ष हुआ. वहीं से यात्रा शुरू हुई और आज देश में पिछले 9 साल से हम शासन कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. सबसे बड़ी बात है कि हमारा मूल मंत्र है- तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहे ना रहें."
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "आज भारत दुनिया की बड़ी ताकत है या नहीं? दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था है या नहीं? भारत का सम्मान आज दुनिया एक प्रतिष्ठा के साथ करती है या नहीं? लेकिन हमारी राह को अभी मंजिल नहीं मिली है. हमारा पड़ाव है, भारत को एक बड़ी ताकत बनाना. एक विकसित देश बनाना. हमारा ये विजन सबके सामने है."
जब वॉल स्ट्रीट जनरल जैसे अखबार लिखते हैं कि भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे महत्वपूर्ण पार्टियों में से एक है, लेकिन इसके बारे में जानकारी बहुत कम है. क्या आपको लगता है कि पश्चिम ने भाजपा के बारे में समझने में देर कर दी या लगता है कि कई गलतफहमियां अभी हैं, जिन्हें दूर करना अभी बाकी है? रविशंकर प्रसाद ने इस पर कहा, "पश्चिम के बारे में कहना चाहूंगा कि एक पारंपरिक पूर्वाग्रह रहता है. अमेरिका हो, इंग्लैंड हो या यूरोप हो, कुछ ताकतें हैं जो भाजपा को पसंद नहीं करती हैं. विशेष रूप से कुछ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट हैं, जहां अभी तक मार्क्सवादी विचारधारा से प्रेरित लोग हैं. इनमें जबरदस्त पूर्वाग्रह भाजपा के खिलाफ रहता है, एक इनका दृष्टिकोण है. दूसरी बात यह है कि हमको इनके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. हम उनके बिना आगे बढ़ते हैं. ये उनको सोचने की जरूरत है कि भाजपा को देश के करोड़ों लोग आशीर्वाद देते हैं, दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. 11 करोड़ से अधिक पार्टी के सदस्य हैं. 2019 के चुनावों में 23 करोड़ वोट मिले. ये कुछ लोगों को क्यों दिखाई नहीं देता, ये सोचने की बात है. लेकिन हमें जनता के आशीर्वाद पर भरोसा है और निश्चित रूप से हम आगे बढ़ेंगे."
सामाजिक न्याय सप्ताह की भाजपा ने शुरुआत की है. बाबा साहब आंबेडकर की जयंती तक ये चलेगा. पीएम मोदी ने सवाल उठाया कि जो लोग सामाजिक न्याय की बात करते हैं, वे दरअसल समाज का नहीं, बल्कि अपनी पार्टी के मुखिया का भला करते हैं. ये एक तरह का अन्याय भी है, जिसे बीजेपी ने दूर करने का प्रयास किया है. इस पर रविशंकर प्रसाद ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत बड़ी बात कही है कि हमने सामाजिक न्याय की बात कही, तो 80 करोड़ लोगों को खाना खिलाया. 200 करोड़ फ्री कोरोना वैक्सीन लगाई गईं, सड़कें सबके लिए बनीं, बिजली सभी गांवों में गईं. एक तरफ ये सशक्तीकरण हुआ. दूसरी तरफ, लालू प्रसाद यादव का सामाजिक न्याय है- राबड़ी देवी बनेंगी मुख्यमंत्री, तेजस्वी बनेंगे उपमुख्यमंत्री, आगे बनेगा मुख्यमंत्री. मुलायम सिंह का सामाजिक न्याय है, अखिलेश यादव बनेंगे मुख्यमंत्री. ये कुछ उदाहरण है, दरअसल, सामाजिक न्याय की वकालत करने वाले अधिकांश दल पारिवारिक दल हो गए हैं और उनके सामाजिक न्याय की परिभाषा वहीं तक सीमित है."
क्या आगामी लोकसभा चुनाव में परिवारवाद, वंशवाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद और भ्रष्टाचार प्रमुख मुद्दे होंगे? रविशंकर प्रसाद ने कहा, "बिल्कुल, ये मुद्दे क्यों नहीं होने चाहिए? सुप्रीम कोर्ट में उन लोगों का केस रद्दा हुआ, जो प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के दुरुपयोग के सवाल उठा रहे थे. मैं नाम लेकर कह रहा हूं-अनिल देशमुख 13 महीने जेल गए या नहीं गए? नवाब मलिक एक साल से जेल में हैं या नहीं? संजय राउत कुछ महीने जेल में रहे या नहीं? लालू प्रसाद यादव को सजा हुई या नहीं हुई? मनीष सिसोदिया जेल में हैं और उनकी जमानत खारिज हुई है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भ्रष्टाचार के मामले में केस का सामना करना पड़ रहा है या नहीं? आप भ्रष्टाचार करेंगे, कोर्ट से आपको राहत नहीं मिलेगी और आप उस पर तूफान खड़ा करेंगे, ये तो ठीक नहीं है."
विपक्षी पार्टियों द्वारा ये भी आरोप लगाया जा रहा है कि लोकतंत्र खतरे में है. राहुल गांधी ने लंदन में इस बात को कई बार कहा भी. साथ ही ये भी कहा जाता है कि सभी संवैधानिक संस्थाएं खतरे में हैं, लेकिन रविशंकर प्रसाद ने कहा, "मुझे ये बताइए नार्थ ईस्ट के त्रिपुरा, मिजोरम, नागालैंड में उनकी हार हो गई. अब राहुल गांधी की पार्टी को वोट नहीं मिलता है, तो हम क्या करें? जहां तक लोकतांत्रिक संस्थाओं के अवमूल्यन की बात हो रही है, तो न्यायालय में अपने तीन-तीन मुख्यमंत्रियों को लेकर राहुल गांधी गए थे ना? राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन लोगों ने दो घंटों तक बोलने नहीं दिया, ये क्या हो रहा था. राहुल गांधी जिस तरह से पत्रकारों पर टिप्पणी करते हैं, अगर वैसे हम करने लगें, तो आप लोगों की पूरी जमात हमारा विरोध करने लगेगी. केरल और पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं पर जो हमले होते हैं, क्या वो लोकतंत्र का सम्मान होता है? घूम-फिरकर बात वहीं आती है कि अगर विपक्षी पार्टियों को वोट नहीं मिलता, तो हम क्या करें. ऐसे में वो कभी चुनाव आयोग पर हमला करते हैं, कभी न्यायालय पर हमला करते हैं, इनके बयान मीडिया में आ जाएं, तो बड़ी अच्छी बात है, ना आए तो ये विरोधकरते हैं. ये कौन से लोकतांत्रिक आचरण का सम्मान है, मुझे समझ में नहीं आता है."
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