कांग्रेस ने भाजपा पर राहुल गांधी को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराने के लिए '‘ घटिया चाल'' चलने का आरोप लगाते हुए रविवार को घोषणा की कि विरोध स्वरूप इसके कार्यकर्ता और नेता 12 जुलाई को हर राज्य की राजधानी में महात्मा गांधी की प्रतिमाओं के पास 'मौन सत्याग्रह' करेंगे. कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा कि गांधी नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सर्वाधिक मजबूत और मुखर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं.
वेणुगोपाल ने कहा, 'बेहद सफल ‘भारत जोड़ो यात्रा' के बाद, राहुल गांधी ने लोकसभा में एक ऐतिहासिक भाषण दिया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और अडानी समूह के बीच संबंधों का खुलासा किया गया.'
उन्होंने आरोप लगाया कि परिणामस्वरूप, भाजपा ने गांधी को संसद से अयोग्य ठहराने के लिए 'अपनी घटिया चाल चली'.
कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा था कि वह गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा 2019 के मानहानि मामले में गांधी की 'मोदी उपनाम' टिप्पणी पर उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार किए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी. इसने आरोप लगाया कि सरकार उनकी आवाज को दबाने के लिए नयी तरकीबें ढूंढ़ रही है क्योंकि वह उनके सच बोलने से घबरा गई है.
वेणुगोपाल ने कहा कि गांधी निडर होकर सत्तारूढ़ शासन का मुकाबला करने और भारत के गरीबों, किसानों, मजदूरों, युवाओं और हाशिए पर रहने वाले लोगों की समस्याओं को सुनने के अपने संकल्प पर दृढ़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि संसद के बाहर भी वह लोगों की आवाज और ऐसे नेता बने हुए हैं जिन पर लोग भरोसा कर सकते हैं.
वेणुगोपाल ने दावा किया, ''परिणामस्वरूप, न केवल कांग्रेस, बल्कि पूरा देश उन्हें गलत तरीके से और प्रतिशोध के चलते अयोग्य ठहराए जाने से आक्रोशित है.''
कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'हम 140 करोड़ भारतीयों से अपील करते हैं कि चाहे वे किसी से भी संबद्ध हों, वे न्याय और स्वतंत्रता की शक्तियों के साथ खड़े हों, लोकतंत्र को कमतर किए जाने के खिलाफ खड़े हों.'
वेणुगोपाल ने कहा कि विरोध स्वरूप कांग्रेस की सभी प्रदेश इकाइयां बुधवार 12 जुलाई, 2023 को सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक प्रत्येक राज्य की राजधानी में महात्मा गांधी की प्रतिमाओं के पास 'मौन सत्याग्रह' करेंगी.
उन्होंने कहा, 'हम मानते हैं कि सच्चाई, और हर भारतीय के वास्तविक कल्याण के लिए हमारी प्रतिबद्धता एकदम स्पष्ट है, चाहे भाजपा-आरएसएस हमारे या हमारे नेताओं के खिलाफ कोई भी रणनीति अपनाए, भारत ऐसी फासीवादी ताकतों को बहुत आगे नहीं बढ़ने देगा.''
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