राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware) विवाद की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश का स्वागत किया है. उन्होंने विपक्ष को "सही" ठहराते हुए कहा, "हमने विरोध किया, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया. हमने संसद को रोक दिया, लेकिन हमें अभी भी कोई जवाब नहीं मिला. अब हमारा रुख सही है. इसलिए, हमारे प्रश्न वही हैं." राहुल गांधी ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, "पेगासस को किसने अधिकृत किया? पेगासस को किसने खरीदा? पेगासस जासूसी के शिकार कौन हैं? क्या किसी अन्य देश के पास हमारे लोगों पर डेटा है? उनके पास क्या जानकारी है? ये 3 बुनियादी प्रश्न हैं जो हमने पूछे थे.''
उन्होंने कहा कि विपक्ष संसद में फिर से बहस पर जोर देगा. उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से भाजपा उस चर्चा को नहीं चाहेगी, लेकिन हम इस पर जोर देंगे. मामला अभी अदालत में है और अदालत इसे आगे ले जाएगी, लेकिन हम संसद में बहस के लिए जोर देंगे.
उन्होंने कहा, "अगर देश के पीएम ने किसी दूसरे देश के साथ मिलीभगत की और अपने ही नागरिकों पर हमला किया, जिसमें मुख्य न्यायाधीश, पूर्व पीएम और अन्य मुख्यमंत्री, विपक्षी दलों के नेता शामिल थे, तो यह देश पर हमला है." उन्होंने कहा कि पीएम अगर इसे पर्सनल टूल्स की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह क्रिमिनल एक्ट है.
राहुल गांधी ने कहा कि पिछले संसद सत्र के दौरान हमने ये मुद्दे उठाये थे. आज सुप्रीम कोर्ट ने हमारे मुद्दे को सपोर्ट किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम इस मामले को देख रहे हैं. लगता है अब सच्चाई सामने आएगी.