भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने बृहस्पतिवार को कहा कि केरल के वायनाड से राहुल गांधी को चुनावी मैदान में उतारना कांग्रेस का विशेषाधिकार है, लेकिन जनता की राय यह है कि उनके कद के नेता को ऐसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, जहां वह सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती देते. वायनाड से भाकपा ने राहुल गांधी के खिलाफ राजा की पत्नी एनी राजा को उम्मीदवार बनाया है.
राजा ने ‘पीटीआई-भाषा' को दिए साक्षात्कार में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के संदर्भ में कहा कि कुछ मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन इस गठबंधन ने लोगों के समक्ष वैकल्पिक एजेंडा पेश किया है. राहुल गांधी के खिलाफ वायनाड में एनी राजा को उम्मीदवार बनाए जाने के संदर्भ में वामपंथी नेता ने कहा, ‘‘जनता की राय है कि उनके कद के नेता को भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहिए था, क्योंकि हम राष्ट्रीय एवं राज्यों के स्तर पर वैचारिक, राजनीतिक रूप से भाजपा से लड़ रहे हैं.''
राजा ने कहा, ‘‘केरल एक ऐसा राज्य है, जहां मुख्य चुनावी मुकाबला एलडीएफ और यूडीएफ के बीच है और वहां केवल 20 सीट हैं. एलडीएफ के भीतर हमारी पार्टी भाकपा को चुनाव लड़ने के लिए चार सीटें मिलती हैं... राज्य इकाई ने सर्वसम्मति से चार सीटों के लिए उम्मीदवारों का प्रस्ताव रखा है और पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इसे मंजूरी दे दी है.''
राजा का कहना था, ‘‘अब यह कांग्रेस पार्टी को तय करना है कि वह क्या करना चाहती है क्योंकि यह किसी भी राजनीतिक दल का विशेषाधिकार है कि वह अपनी पसंद के उम्मीदवार या क्षेत्र का चयन करे.'' केरल में वामपंथी गठबंधन एलडीएफ की सरकार है और कांग्रेस की अगुवाई वाला यूडीएफ मुख्य विपक्ष है. उन्होंने कहा कि यदि राहुल गांधी भारत के दक्षिणी हिस्से से किसी सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, तो वह कर्नाटक या तेलंगाना में से एक सीट चुन सकते थे, वहां भी भाजपा को सीधे चुनौती दे सकते थे.
झारखंड में भाकपा की प्रदेश इकाई के अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी से जुड़ी खबरों के बीच राजा ने कहा कि बातचीत जारी है. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) का ‘इंडिया' गठबंधन से बाहर जाना एक विश्वासघात था.