नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से ईडी ने सोमवार को 10 घंटे से ज्यादा पूछताछ की. इसके अलावा उन्हें मंगलवार को भी जांच एजेंसी ने पूछताछ के लिए तलब किया है. राहुल गांधी से सोमवार सुबह करीब तीन घंटे पूछताछ हुई थी और उसके बाद वो अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने सर गंगाराम अस्पताल गए थे. उसके बाद वो प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय दूसरे दौर की पूछताछ के लिए पहुंचे, जो करीब सात घंटे तक चली. राहुल गांधी से नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े कथित मनी लांड्रिंग केस (money laundering) में पूछताछ की गई है. राहुल गांधी के अलावा सोनिया गांधी को भी ईडी ने समन भेजकर पूछताछ के लिए इसी महीने बुलाया है. ईडी ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट को ट्रायल कोर्ट द्वारा संज्ञान में लिए जाने के बाद इन नेताओं के खिलाफ मनी लांड्रिंग केस दर्ज किया था.
मामले में धोखाधड़ी और यंग इंडिया द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट जैसे आरोप भी लगाए गए हैं. कांग्रेस का आरोप है कि ये पूछताछ बीजेपी की प्रतिशोध की राजनीति का हिस्सा है. राहुल गांधी से सोमवार सुबह सवाल-जवाब कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के बीच हुई. दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रोटेस्ट मार्च की इजाजत नहीं दी थी और जगह-जगह उन्हें हिरासत में लिया गया. कांग्रेस ने ईडी के देश भर में स्थित 25 कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन की योजना बनाई थी.
पुलिस ने ईडी कार्यालय के आसपास बैरीकेडिंग कर रखी थी. राहुल गांधी के अंदर जाने के बाद कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता बाहर ही धरने पर बैठ गए. थोड़ी देर बाद ही कांग्रेस के कई नेता जैसी पी चिदंबरम, अधीर रंजन चौधरी, केसी वेणुगोपाल, दीपेंद्र हुड्डा और जयराम रमेश आदि को हिरासत में ले लिया गया और उन्हें बसों में बैठाकर पुलिस स्टेशन ले जाया गया.
एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल को जबरन उठाकर बस में ले जाया गया. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि दिल्ली पुलिस द्वारा धक्का दिए जाने के कारण चिदंबरम की पसली टूट गई है. सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि एक अन्य कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी को सड़क पर फेंक दिया गया और उनके सिर में चोट आई है.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी के विरोध में मार्च के दौरान 459 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था. इसमें 26 सांसद और 5 विधायक शामिल हैं. दिल्ली पुलिस का कहना है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान हाथापाई और चोटें लगने के आरोपों की सतर्कतापूर्वक जांच की जाएगी.