"ऐसी 'नक्सलवादी नीति'...": यात्रा में झड़प के बाद CM हिमंता सरमा की राहुल गांधी को चेतावनी

Bharat Jodo Nyay Yatra: प्रशासन की ओर से कहा गया था कि वर्किंग डे होने की वजह से राहुल गांधी की यात्रा (Rahul Gandhi Bharat Jodo Nyay Yatra) को शहर की मुख्य सड़कों से गुजरने की अनुमति देने से ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो सकती है.

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राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को नहीं मिली गुवाहाटी से गुजरने की इजाजत.
नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी 'भारत जोड़ो यात्रा' की तर्ज पर 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' निकाल रहे हैं. असम की हिमंत सरमा सरकार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यात्रा (Rahul Gandhi Assam Bharat Jodo Nyay Yatra) को गुवाहाटी में मुख्य सड़कों से गुजरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. राहुल गांधी की  'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को गुवाहाटी में प्रवेश करने से रोकने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और बैरिकेड तोड़ दिए. इस घटना के बाद सीएम सरमा ने राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए एक्स पर पोस्ट कर लिखा.

असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने राज्य पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह को अवरोधक तोड़ने के लिए भीड़ को उकसाने को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है. युवा कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. के एक पोस्ट के जवाब में मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, ''मैंने असम पुलिस के महानिदेशक को भीड़ को उकसाने के लिए आपके नेता राहुल गांधी के खिलाफ का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है.'' शर्मा ने कहा कि जिस वीडियो को श्रीनिवास ने अपने अकाउंट पर पोस्ट किया है उसे साक्ष्य के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

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 दरअसल यह यात्रा मेघालय का चरण पूरा करने के बाद आज असम में फिर से प्रवेश करने की कोशिश कर रही थी.यात्रा को अनुमति नहीं देने का कदम, असम के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक के बीच उठाया गया है. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि असम के सीएम भारत जोड़ो न्याय यात्रा में बाधा पैदा कर रहे हैं.

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राहुल गांधी की यात्रा को नहीं मिली इजाजत

प्रशासन की ओर से कहा गया है कि वर्किंग डे होने की वजह से राहुल गांधी की यात्रा को शहर की मुख्य सड़कों से गुजरने की अनुमति देने से ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो सकती है. राज्य प्रशासन ने रैली को राष्ट्रीय राजमार्ग  27 से ले जाने के लिए कहा है, जो निचले असम की ओर जाता है, ये शहर के चारों तरफ रिंग रोड की तरह काम करता है. बता दें कि इससे पहले सोमवार को राहुल गांधी ने 15वीं सदी के समाज सुधारक वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान का दौरा करने की बात कही थी. राहुल की घोषणा के तुरंत बाद ही सरमा ने उनसे अपील की कि वह अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले उस स्थान का दौरा न करें.

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"राहुल की यात्रा को 3 बजे से पहले प्रवेश की अनुमति नहीं"

हिमंता सरमा ने कहा, मैं राहुल गांधी से अपील करता हूं कि वे लोगों में इस धारणा को बढ़ावा न दें कि राम मंदिर और बताद्रवा सत्र  (Batadrava Satra) के बीच कोई प्रतिस्पर्धा है, क्योंकि टीवी चैनल एक तरफ राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह दिखा रहे होंगे तो दूसरी तरफ महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान का दौरा चल रहा होगा. ये असम के लिए अच्छा नहीं है. श्राइन की प्रबंध समिति ने भी कहा था कि राहुल गांधी को दोपहर 3 बजे से पहले प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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हम नफरत फैलाने में विश्वास नहीं करते-राहुल गांधी

कांग्रेस नेता और उनके सहयोगियों को मंदिर की तरफ जाते समय रोक दिया गया, इसके बाद वे सड़क जाम स्थल पर ही धरने पर बैठ गए. पार्टी सांसद गौरव गोगोई और बताद्रवा विधायक सिबामोनी ने बोरा मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वह शंकरदेव की फिलॉसफी में विश्वास रखते हैं. राहुल ने तंज कसते हुए कहा, ''हम, उनकी तरह, लोगों को एक साथ लाने और नफरत फैलाने में विश्वास नहीं करते. शंकरदेव हमारे लिए एक गुरु की तरह हैं और हमें दिशा देते हैं, इसलिए मैंने सोचा था कि जब मैं असम आया, तो उन्हें सम्मान देना चाहिए.'' .

मौका मिलने पर बताद्रवा जरूर जाऊंगा-राहुल

उन्होंने कहा कि गौरव गोगोई और अन्य सभी जा सकते हैं, लेकिन सिर्फ राहुल गांधी नहीं जा सकते. वह नहीं जानते कि इसका क्या कारण हो सकता है, लेकिन मौका मिलने पर वह बताद्रवा जाएंगे जरूर.बता दें कि राहुल गांधी की यात्रा को मेघालय में भी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. स्थानीय अधिकारियों की तरफ से अनुमति नहीं दिए जाने के बाद मेघालय के एक विश्वविद्यालय में कांग्रेस नेता और छात्रों के बीच बातचीत रद्द कर दी गई थी. बाद में राहुल गांधी ने असम-मेघालय बॉर्डर के पास एक यात्रा ट्रक के ऊपर से छात्रों को संबोधित किया था. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश पर विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ उनकी बातचीत रद्द कर दी गई

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