मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Ex police Commissioner Param Bir Singh) द्वारा सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी गई चिट्ठी और गृह मंत्री द्वारा हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली मामले में राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार में भूचाल आया हुआ है. इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संजय निरूपम (Sanjay Nirupam) ने कहा है कि इस मामले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से पूछताछ होनी चाहिए. गृह मंत्री अनिल देशमुख भी एनसीपी के नेता हैं. महाविकास अघाड़ी सरकार बनते समय शरद पवार ने गृह मंत्रालय अपने (NCP) कोटे में रखा था.
संजय निरूपम ने ट्वीट किया है, "जो भी परमबीर सिंह कह रहे हैं, अगर वह बिल्कुल सत्य है, तो माननीय शरद पवार जी से सवाल पूछा जाना चाहिए क्योंकि वही वर्तमान महाराष्ट्र सरकार के शिल्पकार हैं. यह तथाकथित तीसरा मोर्चा आखिरकार करने क्या जा रहा है? कांग्रेस को इस मुद्दे पर स्टैंड लेना चाहिए."
निरुपम का बयान ऐसे वक्त में आया है जब आईपीएस अधिकारी के “लेटर बम” से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सरकार पर पहले ही दबाव है. निरुपम पहले शिवसेना में थे और वह 2005 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे आठ पन्नों के पत्र में सिंह ने आरोप लगाया था कि गृहमंत्री देशमुख पुलिस अधिकारियों को अपने आधिकारिक आवास पर बुलाते थे और उन्हें बार, रेस्तरां और उन्य जगहों से वसूली के लिए कहते थे.देर रात मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया था कि उक्त पत्र सिंह की आधिकारिक ईमेल आईडी से नहीं भेजा गया था.
बता दें कि मुंबई में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर संदिग्ध कार पार्किंग मामले में मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत और शउससे जुड़े सचिन वाजे के तार उजागर होने के बाद परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाए हैं. पूर्व कमिश्नर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है.
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इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गलत गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया है. महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह पर अक्षम्य अपराध करने का आरोप लगाते हुए हटा दिया था. उन्हें होमगार्ड विभाग भेज दिया गया था. उसके बाद उन्होंने यह पत्र लिखा है.