सुबह 9.51 मिनट पर ही क्यों खोला गया रत्न भंडार, आखिर जगन्नाथ मंदिर में चल क्या रहा है ? जानिए पूरी डिटेल

पुरी के जगन्नाथ मंदिर के आंतरिक कक्ष को गुरुवार को खोला गया. इस मौके पर मंदिर प्रांगण में स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ ASI की विशेष टीम भी मौजूद थी.

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जगन्नाथ मंदिर में स्थित आंतरिक कक्षों को खोला गया
नई दिल्ली:

जगन्नाथ मंदिर के चारों तरफ पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था, जगह-जगह बैरिकेडिंग, मंदिर प्रांगण में भक्तों के प्रवेश पर कुछ घंटों की रोक, मंदिर के अंदर मौजूद ASI (भारतीय पुरात्तव विभाग) के अधिकारियों की टीम. पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर का यह नजारा अपने आप में खास है. खास इसलिए नहीं क्योंकि मंदिर प्रांगण में भक्तों के प्रवेश को कुछ घंटों के लिए रोक दिया गया, बल्कि खास इसलिए भी क्योंकि 46 साल बाद यहां के आंतरिक कक्षों को पहली बार खोला गया. आपको बता दें कि इस मंदिर के तहखाने में एक बाहरी और एक आंतरिक कक्ष हैं, जिनमें रत्न रखे गए हैं. इन्ही में से आंतरिक कक्ष गुरुवार को खोला गया है. आंतरिक कक्ष को शुभ मुहूर्त यानी सुबह 9.51 बजे ही खोला गया. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मंदिर के अंदर बने इन कक्षों को खोलने के बाद यहां क्या कुछ हुआ. 

46 साल बाद खुले आंतरिक कक्ष

जगन्नाथ में मंदिर बने इन आंतरिक कक्षों को 46 साल बाद खोला गया है. इस आंतरिक कक्ष के खुलने के बाद वहां रखे गए रत्न भंडार को बाहर निकाला गया. इस मौके पर स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ ASI की टीम भी मौके पर मौजूद थी. 

कक्ष में रखे सभी 12 बक्सों को बाहर निकाला जाएगा 

अभी तक जितनी सूचना मिली है उसके मुताबिक मंदिर प्रांगण में बने आंतरिक कक्षों में रखे गए 12 बक्सों को बाहर निकालकर स्ट्रांग रूम में शिफ्ट किया जाएगा. इसके बाद ASI की टीम उन आंतरिक कक्षों के अंदर जाएंगे. कक्ष के अंदर जाने के बाद बाद वह इन कक्षों की जांच करेंगे. ASI की 11 सदस्यी टीम को इस रत्न भंडार के चेंबर यानी आंतरिक कक्ष में जाने की अनुमति है. ASI की टीम जैसे ही इन कक्षाओं की जांच करके बाहर आएगी, उसके बाद स्ट्रांग में रखे गए इन बक्सों को फिर से आंतरिक कक्षों में शिफ्ट किया जाएगा. 

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12वीं शताब्दी से भी पुराने हैं इन बक्सों में रखे कई रत्न

कहा जा रहा है कि जगन्नाथ मंदिर के आंतरिक कक्षों में जिन बक्सों के रखे होने की बात कही जा रही है, उनमे 12वीं शताब्दी से भी पुराने रत्न होने का दावा किया जा रहा है. इन 12 बक्सों में ऐसे कई रत्न ऐसे भी हैं जो 12वीं शताब्दी के हैं. अब ऐसे में जब इन बक्सों को खोला जाएगा और अंदर रखे रत्नों की जांच की जाएगी तो पता चलेगा कि आखिर इन बक्सों में किस काल या किस राजा के द्वारा कौन सा रत्न है. यह पहला मौका होगा जब बक्सों में रखे रत्नों की इतनी डीटेलिंग सामने आएंगे. इससे पहले 1978 में इन रत्न भंडारों में रखे गहनों की लिस्ट बनाई गई थी लेकिन उनकी इतनी डीटेलिंग नहीं उपलब्ध नहीं थी. 

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जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश पर कई घंटे लगाई गई रोक 

मंदिर के अंदर बने कक्षों में रखे इन बक्सों को बाहर निकालने से पहले प्रशासन द्वारा तमाम तरह के इंतजाम किए गए थे. इस दौरान किसी भी बाहरी शख्स को मंदिर प्रांगण में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी. सिर्फ ASI और मंदिर प्रशासन के कुछ लोग ही मौके पर मौजूद थे. गुरुवार को जगन्नाथ मंदिर में भक्तों के प्रवेश को भी कई घंटों के लिए 
रोक दिया गया था. 

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बनाई गई है आरबीआई और जूलरी एक्सपर्ट की टीम

जगन्नाथ मंदिर के आंतरिक कक्षों से जिन बक्सों को बाहर निकाला जाएगा. उनमें कौन से रत्न रखें गए हैं इनकी जांच के लिए आरबीआई और जूलरी एक्सपर्ट की एक टीम बनाई गई है. स्ट्रांग रूम से जब इन बक्सों को दोबारा से आंतरिक कक्ष में रखा जाएगा तो एक्सपर्ट की यह टीम इनमें रखे रत्नों की जांच करेगी. आपको बता दें कि आंतरिक कक्षों से रत्न को बाहर निकालने और उसे फिर आंतरिक कक्ष में रखने से लेकर तमाम प्रक्रिया को पूरा करने को चार फेज में बांटा गया है. गुरुवार को इन फेज में से दूसरे फेज के तहत काम किया गया. चारों फेज का काम पूरा होने में अभी कुछ और हफ्तों का समय लग सकता है. 

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सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगी पूरी प्रक्रिया 

बताया जा रहा है कि जगन्नाथ मंदिर के अंदर मौजूद रत्न भंडार को खोलने की पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे की जद में होगा. इसके लिए स्ट्रांग रूम और आंतरिक्ष कक्ष के आसपास खास तौर पर सीसीटीवी कैमरों को इंस्टाल किया गया है.

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