पंजाब के पूर्व डीजीपी दिनकर गुप्ता ने NIA प्रमुख का कार्यभार संभाला

पंजाब के पूर्व डीजीपी दिनकर गुप्ता (Dinkar Gupta) ने सोमवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) के प्रमुख का पद ग्रहण कर लिया और उन्होंने देश की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले आतंकी मामलों की तेज़ी से जांच और अभियोजन करने का आह्वान किया.

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गुप्ता को सेवाकाल के दौरान कई पदकों से नवाज़ा जा चुका है. 
नई दिल्ली:

पंजाब के पूर्व डीजीपी दिनकर गुप्ता (Dinkar Gupta) ने सोमवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) के प्रमुख का पद ग्रहण कर लिया और उन्होंने देश की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले आतंकी मामलों की तेज़ी से जांच और अभियोजन करने का आह्वान किया.  गुप्ता पंजाब कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 1987 बैच के अधिकारी हैं और एनआईए प्रमुख के तौर पर उनकी नियुक्ति ऐसे वक्त में हुई है जब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पंजाब में आंतकवाद को फिर से उभारने की कोशिश कर रही है.  

पंजाब में आईईडी बरामदगी, खालिस्तान समर्थक पोस्टर, बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे प्रतिबंधित आतंकी समूह के आतंकियों को पकड़े जाने की करीब 50 घटनाएं हुई है.  इसके अलावा राज्य और पड़ोसी हरियाणा में राजनीतिक नेतृत्व को भी खतरा है. पंजाब का पुलिस प्रमुख बनने से पहले, गुप्ता एक इकाई के प्रमुख थे जहां वह पंजाब राज्य खुफिया इकाई, राज्य आतंकवाद रोधी दस्ता और संगठित अपराध नियंत्रण इकाई पर सीधे नज़र रखते थे.  एनआईए के प्रमुख के तौर पर कामकाज संभालने के फौरन बाद गुप्ता को उन सभी अहम मामलों की जानकारी दी गई जो एजेंसी के पास हैं.  अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने एक समीक्षा बैठक भी की है. 

गुप्ता ने कहा, “ मैं आतंकवाद से संबंधित अपराधों की त्वरित जांच और अभियोजन के लिए एनआईए को दी गई जिम्मेदारी को पूरा करने की पूरी कोशिश करूंगा.  आतंकवाद एक खतरा है जो देश की सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करता है. ” उनके पदभार ग्रहण करने के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के प्रमुख कुलदीप सिंह को अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है. 

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एनआईए आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी है और इसका गठन मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के बाद किया गया था.  एक साल से अधिक वक्त बाद एनआईए को पूर्णकालिक प्रमुख मिला है.  पिछले साल मई में वाईसी मोदी के सेवानिवृत्त होने के बाद से ही सिंह एजेंसी के प्रमुख का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे. 

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गुप्ता के पास पुलिस प्रशासन में मास्टर डिग्री है और वह 2019 से दो साल से ज्यादा वक्त तक पंजाब के डीजीपी रहे हैं और यह अनुभव उनके काम आएगा, क्योंकि पंजाब में कुछ आतंकवादी संगठन फिर से सिर उठाने की कोशिश कर रहे हैं.  इससे पहले गुप्ता जून 2004 से जुलाई 2012 तक आठ साल तक केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर रह चुके हैं.  इस दौरान उन्होंने संवेदनशील जिम्मेदारियां संभाली थी जिनमें खुफिया ब्यूरो की एक इकाई के प्रमुख का पद शामिल है जो वीवीआईपी की सुरक्षा को देखती है.  गुप्ता को सेवाकाल के दौरान कई पदकों से नवाज़ा जा चुका है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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