पंजाब विधानसभा का चुनाव (UP Punjab Uttarakhand Election) मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए वाटरलू साबित हो रहा है. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) पटियाला शहर से चुनाव हार गए हैं. कांग्रेस से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) चमकौर साहिब और भदौर सीट से हार गए हैं. कांग्रेस ने दलित चेहरे के तौर पर चन्नी को सीएम पद का चेहरा घोषित किया था. पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) लांबी सीट से काफी पीछे चल रहे हैं. और उनके बेटे पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) जलालाबाद सीट भी हार गए हैं. पंजाब में कांग्रेस की हालत इतनी खराब हो गई है कि दलित सीएम चेहरा के तौर पर पेश किए गए चन्नी दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं. उन्होंने चमकौर साहिब और भदौर सीट से चुनाव लड़ा था. आम आदमी पार्टी की पंजाब में आंधी में कई दिग्गज नेताओं को धूल चटा दी. अकाली दल के सबसे बड़े नेता प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल की हालत भी पतली लग रही है.
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अकाली दल (Akali Dal) ने इस बार बसपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. कृषि कानूनों के मुद्दे पर अकाली दल ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था. वहीं बीजेपी इस बार पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ रही थी. लेकिन अमरिंदर सिंह खुद अपने गढ़ में चुनाव हार गए. उन्हें आप के अजीत पाल ने हराया.
पुष्कर धामी (Pushkar Singh Dhami) खटीमा सीट से चुनाव हार गए हैं. उन्हें करीब 7 हजार वोटों से शिकस्त मिली. कांग्रेस से सीएम पद के उम्मीदवार हरीश रावत लालकुआं सीट से चुनाव हार गए हैं, वो पार्टी को जीत दिलाने में भी नाकाम दिख रहे हैं. उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल भी गंगोत्री सीट से चुनाव हार गए.
हालांकि उत्तर प्रदेश में ऐसा कोई ट्रेंड नहीं दिख रहा है. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanth) और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दोनों ही पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे. योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर से और अखिलेश परंपरागत करहल सीट से काफी आगे हैं.