पुणे पोर्शे मामला : बेटे को बचाने के लिए रईसजादे के पिता ने किए अपराध? कोर्ट ने 7 जून तक जेल भेजा

पुणे हादसे के नाबालिग आरोपी पर बालिग के तौर पर केस चले या नहीं, इस पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने अभी कोई फैसला नहीं किया है. 5 जून तक उसे निगरानी केंद्र भेजा गया है.

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विशाल अग्रवाल को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाती पुलिस.

पुणे के कल्याणी नगर में तेज रफ्तार कार से दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer)को कुचलने के मामले में आरोपी के पिता और 5 अन्य आरोपियों को अदालत में पेश किया गया. इन सभी की पुलिस हिरासत आज खत्म हो रही थी. अदालत में सरकारी वकील ने कहा कि जांच में पता चला कि हादसे की जानकारी कंट्रोल रूम को नहीं दी गई थी. पता चला है कि आरोपी का समय पर मेडिकल नहीं कराया गया. इस मामले में सेक्शन 420 भी लगाया गया है. घर के सीसीटीवी को टेंपर किया गया है. इन कारणों की वजह से हमे आरोपी के पिता की रिमांड फिर से चाहिए.

सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि आरोपी का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है. हमें साइबर एक्सपर्ट से जांच की जरूरत है. इसके लिए आरोपी की पुलिस हिरासत जरूरी है. आरोपी ने कोजी होटल में 47 हजार का बिल चुकाया है. उन खातों की जानकारी अभी आनी बाकी है. यह महत्वपूर्ण है. सरकारी वकील ने अदालत से कहा कि वे इस बात की जांच करना चाहते हैं कि क्या नाबालिग आरोपी ने शराब के अलावा किसी और चीज का सेवन किया था. दुर्घटना में शामिल वाहन ब्रह्मा लेजर्स के नाम पर खरीदा गया था. सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिया गया है, लेकिन यह समझा जाता है कि इसके साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया गया था. उसके अनुसार जांच की जाएगी. कोज़ी होटल (Cozy Hotel) का मूल शराब लाइसेंस और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं. जांच चल रही है.

पुलिस के रिमांड नहीं मिली
आरोपी के पिता के वकील ने कहा कि आरोपी पर कोई केस ही नहीं है, सिर्फ मीडिया ट्रायल चल रहा है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी के लिए आईपीसी की धारा 420 जोड़ दी है. धारा 420 जोड़ते हुए बताया कि आरोपी ने सरकार को धोखा दिया है, क्योंकि उसने 1 हजार 758 रुपये की फीस का भुगतान नहीं किया है. आरोपी के पिता को सिटी मजिस्ट्रेट अदालत ने 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया है. 7 जून तक अब वह जेल में रहेंगे. पुलिस ने सात दिन की हिरासत मांगी थी, मगर मजिस्ट्रेट ने कहा कि अदालत के फैसले का मतलब है कि वह अब जमानत के लिए आवेदन कर सकता है. इसके लिए उसे उच्च न्यायालय जाना होगा. बेटे की रिमांड अवधि समाप्त होने के दो दिन बाद पिता की जेल अवधि समाप्त हो रही है.

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क्या है पूरा मामला?
कल्याणी नगर में 19 मई 2024 के तड़के पोर्शे कार के नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था. पुलिस ने दावा किया कि वह नशे की हालत में कार चला रहा था. पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 304 (गैर इरादतन हत्या), 304 (ए) (लापरवाही से मौत), 279 (लापरवाही से वाहन चलाने) और मोटर वाहन अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. आरोपी 17 वर्षीय किशोर को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (Juvenile Justice Board) के आदेश पर 5 जून तक निगरानी केंद्र भेजा गया है. एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में इस निगरानी केंद्र में 30 से अधिक नाबालिग हैं. इससे पहले 22 मई को एक सत्र अदालत ने नाबालिग आरोपी के पिता और 4 अन्य को 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था. आज इसी मामले में पुलिस फिर से आरोपी के पिता का रिमांड मांग रही है.   

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पिता ने दी थी कार चलाने की इजाजत
प्राथमिकी के मुताबिक रियल एस्टेट डेवलपर ने यह जानते हुए भी कि उसके बेटे के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है उसे कार दे दी. इसके अलावा उसका पिता यह भी जानता था कि वह शराब पीता है, फिर भी उसे पार्टी करने की इजाजत दी. पुलिस ने अब तक आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. FIR के मुताबिक, कार का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ था. पुलिस ने आरोपी के पिता समेत जिन अन्य 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें पुणे के कोजी रेस्टोरेंट के मालिक का बेटा नमन प्रह्लाद भूतड़ा, उसका मैनेजर सचिन काटकर, ब्लैक क्लब होटल के मैनेजर संदीप सांगले और उसका स्टाफ जयेश बोनकर शामिल हैं. 

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