मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने 2016 में पुणे में सरकारी जमीन की खरीद से जुड़े एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एकनाथ खड़से के दामाद गिरीश चौधरी की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. मामले में चौधरी की यह दूसरी जमानत याचिका थी। विशेष न्यायाधीश आर. एन. रोकड़े ने जमानत याचिका खारिज कर दी। विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं है. चौधरी ने अपनी याचिका में दावा किया कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है और इस मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधान लागू नहीं होते, क्योंकि उन्होंने किसी भी राशि का गबन नहीं किया है
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि चौधरी और खड़से ने पुणे के पास भोसरी में 3.75 करोड़ रुपये में एक सरकारी जमीन खरीदी थी, जबकि उप-पंजीयक द्वारा प्रदान किए गए मूल्यांकन के अनुसार इसकी वास्तविक कीमत 31.01 करोड़ रुपये थी. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि खरीद के समय राज्य के राजस्व मंत्री रहे खड़से ने लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया था.