भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य प्रताप सिम्हा ने संसद सुरक्षा चूक के मामले पर रविवार को कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान जनता तय करेगी कि वह देशभक्त हैं या गद्दार. उन्होंने कहा कि वह घटना और जांच में कोई भी नयी चीज नहीं जोड़ना चाहते. सिम्हा ने कहा कि उन्होंने सब कुछ भगवान और अपने प्रशंसकों पर छोड़ दिया है, जो यह तय करेंगे कि उनके खिलाफ लगाए कथित ‘देशद्रोह' के आरोप सही हैं या नहीं.
वर्ष 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन दो व्यक्ति - सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए और केन से पीले रंग की गैस छोड़ी. हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया. शर्मा और मनोरंजन को दर्शक दीर्घा के पास की संस्तुति सिम्हा के कार्यालय की ओर से की गई थी. सिम्हा मैसूर से लोकसभा सदस्य हैं.
भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘प्रताप सिम्हा गद्दार है या फिर देशभक्त, इसका फैसला मैसुरु की पहाड़ियों पर विराजमान मां चामुंडेश्वरी, ब्रह्मागिरी पर विराजमान मां देवी कावेरी, पिछले 20 वर्षों से मेरी लिखी किताबें पढ़ रहे कर्नाटक के मेरे प्रशंसक, पिछले साढ़े नौ वर्षों से मेरा काम देख रही मैसुरु व कोडगु की जनता, देश, धर्म और राष्ट्रवाद से संबंधित मुद्दों पर मेरे आचरण पर अप्रैल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पड़ने वाले वोट तय करेंगे.''
सिम्हा को ‘गद्दार' बताने वाले पोस्टर से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे (जनता) ही एकमात्र फैसला सुनाएगी. वे तय करेंगे कि मैं देशभक्त हूं या नहीं. मैंने उनके फैसले पर सबकुछ छोड़ दिया है. मुझे इसपर कुछ और नहीं कहना.''
कांग्रेस और कुछ अन्य संगठनों ने संसद की सुरक्षा में चूक की घटना के बाद सिम्हा के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
घटना और क्या पुलिस द्वारा उनका बयान दर्ज किया गया, इसे लेकर पूछे गए सवाल पर सिम्हा ने कहा, ‘‘मुझे जितना कहना था मैंने कह दिया. मुझे इस मुद्दे पर अब और कुछ नहीं कहना.''
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