यूपी सरकार के विज्ञापनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल 

जनहित याचिका दाखिल कर यह आरोप लगाया गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञापन में अधिकतर तस्वीरें और तथ्य राज्य से संबंधित नहीं हैं. कई तस्वीरें अन्य राज्यों या अन्य देशों से ली गई हैं.

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नई दिल्ली:

यूपी सरकार (UP Government) के विज्ञापनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गयी है. याचिका के माध्यम से यूपी सरकार के सभी विज्ञापनों को रोकने का अनुरोध किया गया है. याचिका में कहा गया है कि यूपी सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए विज्ञापनों और इवेंट मैनेजमेंट ( Event Management) पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. बता दें कि वकील सीआर जया सुकिन ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि लोगों की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपये विज्ञापनों और आयोजनों पर खर्च कर सरकार लगातार जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है जबकि राज्य में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.

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जनहित याचिका दाखिल कर यह आरोप लगाया गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञापन में अधिकतर तस्वीरें और तथ्य राज्य से संबंधित नहीं हैं. कई तस्वीरें अन्य राज्यों या अन्य देशों से ली गई हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इन तस्वीरों का उपयोग अपनी उपलब्धियों के लिए उत्तर प्रदेश के लोगों को गुमराह करने के लिए किया है. 

जनहित याचिका में बताया गया है कि यूपी सरकार सरकारी खजाने के पैसे का विज्ञापनों पर दुरुपयोग कर रही है. नकली लोकप्रियता की कोशिश के लिए यूपी सरकार सभी लोक कल्याण और विकास फंड को विज्ञापन  में खर्च कर रही है. यूपी सरकार की ओर से करोड़ों रुपये के विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन है. यूपी सरकार ने यूपी राज्य के बाहर विज्ञापन जारी करने में करोड़ों रुपये खर्च किए हैं जो उसकी जिम्मेदारी से परे है. 20 करोड़ लोगों का जीवन और जनता का पैसा बचाने के लिए अदालत को दखल देने की जरूरत है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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