'बंगाल में सेना तैनात हो' : पैगंबर पर टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर BJP ने की मांग

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर से नाकाबंदी हटाने की कोशिश करने पर प्रदर्शनकारी धूलागढ़, पांचला और उलुबेरिया में पुलिसकर्मियों से भिड़ गए.

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प्रदर्शनकारियों ने राज्य में कई रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे ट्रेनों को रद्द या डायवर्ट करना पड़ा.
कोलकाता:

पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के खिलाफ बंगाल में भी विरोध-प्रदर्शन हुए. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने मांग की है कि प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए राज्य में सेना को बुलाया जाए. प्रदर्शन के दौरान सड़कों और रेल पटरियों पर प्रदर्शनकारी बैठ गए थे. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि पैगंबर पर टिप्पणी करने वाले निलंबित भाजपा नेताओं को गिरफ्तार किया जाए. प्रदर्शनकारियों ने राज्य में कई रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे ट्रेनों को रद्द या डायवर्ट करना पड़ा. 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर से नाकाबंदी हटाने की कोशिश करने पर प्रदर्शनकारी धूलागढ़, पांचला और उलुबेरिया में पुलिसकर्मियों से भिड़ गए. अधिकारी ने कहा कि धूलागढ़ और पंचला में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जहां प्रदर्शनकारियों ने इसके जवाब में पथराव किया, जिससे पास खड़ी कारों को नुकसान पहुंचा. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पंचला और धूलागढ़ में सड़कों पर टायर जला कर डाल दिए जबकि उलुबेरिया में पुलिस के एक बूथ को आग के हवाले कर दिया.

इस बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शांति की अपील करते हुए राज्य के मुख्य सचिव से कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर तत्काल जानकारी मांगी है. उन्होंने ट्वीट किया, 'शांति की अपील करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्य सचिव से राज्य में कल से बिगड़ी कानून व्यवस्था की स्थिति पर आज रात दस बजे तक तत्काल जानकारी मांगी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपेक्षा है कि वह कानून का उल्लंघन करने वालों को कड़ी चेतावनी दें कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.'

ट्विटर पर मुख्य सचिव को भेजे पत्र की प्रति भी पोस्ट की गई है जिसमें धनखड़ ने कहा कि हावड़ा में बृहस्पतिवार की घटना के बाद निवारक और एहतियाती उपाय करने चाहिए थे जो जमीन पर दिखाई नहीं दे रहे हैं.

भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा ने कहा, 'सड़क का एक अहम हिस्सा 11 घंटे से अधिक समय तक अवरुद्ध रहा और पुलिस मूकदर्शक बनी रही. आज भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है.'

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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