Protest Against Agnipath plan: सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के चलते केंद्र सरकार पर योजना पर पुनर्विचार के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है. योजना के विरोध में दूसरे दिन भी बिहार सहित कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए. बिहार में तो योजना के विरोध में बड़ी संख्या में उग्र युवा सड़कों पर उतरे. उन्होंने ट्रेन के कोचों को आग के हवाले कर दिया और रेल-सड़क मार्ग को बाधित किया. प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी की एक विधायक पर पथराव करते हुए इस अल्पकालिक भर्ती योजना (short-term recruitment scheme) को वापस लिए जाने की मांग की.
बिहार के बीजेपी के सहयोगी, सीएम नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड ने कहा है कि सरकार को अग्निपथ स्कीम पर विचार करना चाहिए. यहां तक कि नाम उजागर न करते हुए बिहार में बीजेपी के नेताओं ने उम्मीद जताई कि प्रदर्शन, केंद्र सरकार को ऐसे कदम उठाने के लिए प्रेरित करेंगे जो सभी को लंबे समय के संकट से बचाएंगे. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने कहा, "अग्निपथ योजना के कारण बिहार सहित पूरे देश के युवाओं और छात्रों के मन में निराशा और असंतोष है. उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय लग रहा. केंद्र सरकार को तुरंत इस योजना पर पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि यह देश की रक्षा और सुरक्षा से संबंधित है. "
बिहार सरकार के मंत्री बिजेंद्र यादव ने अग्निपथ स्कीम को लेकर युवाओं के प्रदर्शन को लेकर कहा कि केंद्र सरकार को इसको गंभीरता से देखना चाहिए. नीतीश कुमार की सरकार के मंत्री ने कहा कि जो संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं, केंद्र सरकार को उनसे बात कर समस्या का हल निकालना चाहिए. जेडीयू पहली सहयोगी हैं जो केंद्र सरकार से प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने का आग्रह कर रही है.बीजेपी की बात करें तो उसे इस बात का भय सता रहा कि यह प्रदर्शन, एक साल से अधिक समय तक बड़े पैमाने पर चले किसान प्रदर्शन की पुनरावृत्ति न बन जाएं जो सरकार की ओर से विवादित कृषि कानून को वापस लेने के बाद भी खत्म हुए थे. गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान बीजेपी के दो कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई जबकि पार्टी के दो विधायकों सीबी गुप्ता (छपरा) और अरुणा देवी (नवादा) पर हमला किया गया. इससे पार्टी में अंदरखाने बेचैनी और चिंता व्याप्त हैं. युवाओं के रोष को शांत करने के प्रयास के तहत बीजेपी शासित तीन राज्यों के सीएम ने चार साल के कार्यकाल के बाद 'अग्निवीरों' या रंगरूटों (recruits) को नई प्रणाली के तहत नौकरी देने का वादा किया. बिहार के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने बिहार सरकार से भी इसी तरह की घोषणा करने का आग्रह किया है.
सेवाओं में भर्ती के लिए पेश की गई अग्निपथ योजना (Agnipath Yojna) के खिलाफ गुरुवार को बिहार, यूपी और हरियाणा सहित कुछ राज्यों में युवा सड़कों पर उतरे. पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और दिल्ली में भी प्रदर्शन किया गया है. बिहार के जहानाबाद, नवादा, कैमूर, छपरा, मोतिहारी, मधुबनी और सहरसा में प्रदर्शन की खबरे सामने आईं. कई जिलों में रेल के डब्बों में भी आग लगाई गई है .यूपी के अलीगढ़-ग़ाज़ियाबाद NH-91 के सोमना मोड़ पर प्रदर्शकारियों ने सवारियों से भरी रोडवेज के बस में तोड़फोड़ की. उधर, हरियाणा के पलवल में पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया.
गौरतलब है कि 'अग्निपथ' योजना में भारतीय युवाओं को, बतौर 'अग्निवीर' आर्म्ड फोर्सेस में सेवा का अवसर प्रदान किया जाएगा. यह योजना देश की सुरक्षा को मजबूत करने और युवाओं को मिलिट्री सर्विस का अवसर देने के लिए लाई गई है. 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को सशस्त्र बल- सेना, नौसेना और वायु सेना में 4 साल के लिए अग्निवीर के रूप में शामिल किया जाएगा. इस साल 46 हजार से अधिक अग्निशामकों की भर्ती की जाएगी.अग्निवीरों को 30 हजार रुपये से 40 हजार रुपये मासिक वेतन का भुगतान किया जाएगा. उन्हें इस अवधि के दौरान 48 लाख रुपये का बीमा कवर भी मिलेगा. EPF/PPF की सुविधा के साथ अग्निवीरों को पहले साल 4.76 लाख रुपये मिलेंगे. वहीं चौथे साल में वेतन 40 हजार यानी सालाना 6.92 लाख रुपये मिलेंगे. भत्ते के तौर पर जोखिम, राशन, वर्दी और यात्रा में उपयुक्त छूट मिलेगी. वहीं सेवा के दौरान डिसेबल होने पर नॉन-सर्विस पीरियड का कुल पे और इंट्रेस्ट भी मिलेगा. सेवा निधि को आयकर से छूट दी जाएगी. अग्निवीरों के लिए शैक्षणिक योग्यता वही होगी, जो बल में नियमित पदों के लिए तय है.4 साल के कार्यकाल पर लगभग 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में कम से कम 15 सालों की अवधि के लिए नियमित संवर्ग के रूप में नामांकित किया जाएगा.देश की सेवा की इस अवधि के दौरान अग्निवीरों को कई तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी. वहीं चार साल की सेवा के बाद उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा.सेना 25 फीसदी सक्षम अग्निवीरों को रिटेन भी करेगी. हालांकि ये तभी हो पाएगा जब सेना में उस वक्त भर्तियां निकली हों.
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