कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ललितपुर में पहुंचकर किसान परिवारों (Farmers Families) से मुलाकात की. इस दौरान प्रियंका ने उन किसानों के परिवारों से भी मुलाकात की, जिनमें खाद की किल्लत (Shortage Of Fertilisers) और अधिक कर्ज की वजह से किसानों ने आत्महत्या कर ली. उन्होंने किसान परिवारों की पीड़ा को साझा किया और सभी किसान परिवारों का कर्ज चुकाने का वादा किया है. ललितपुर सहित बुंदेलखंड में किसानों की मौत की खबरें सामने आई हैं. प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों ने कथित रूप से खाद न मिलने और बहुत अधिक कर्जा होने के कारण आत्महत्या कर ली थी.
प्रियंका गांधी ने कहा कि बुंदेलखंड के किसान भोगी पाल और महेश कुमार बुनकर खाद की लाइन में लगे थे. कई दिनों तक लाइन में लगे रहने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिली, लाइन में लगे-लगे उनकी हालत खराब हो गई और उनकी मृत्यु हो गई.
इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने कहा कि किसान सोनी अहिरवार और बबलू पाल खाद न मिलने के चलते परेशान थे. उन्होंने आत्महत्या करके अपनी जान दे दी. सभी किसानों पर भारी-भरकम कर्ज है और फसल बर्बादी व मुआवजा न मिलने जैसी समस्याओं से वे परेशान थे.
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इससे पहले, बुंदेलखंड में किसानों की मौत के मामले में प्रियंका गांधी ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर एक ट्वीट के जरिये हमला बोला था. प्रियंका ने कहा था कि किसान मेहनत कर फसल तैयार करें तो फसल का दाम नहीं, किसान फसल उगाने की तैयारी करें तो खाद नहीं. खाद न मिलने के चलते बुंदेलखंड के दो किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन किसान विरोधी भाजपा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. इसके साथ ही प्रियंका ने कहा था कि सरकार की नीयत और नीति दोनों में किसान विरोधी रवैया है.