चित्रकूट में प्रियंका गांधी ने सुनाई थी 'द्रौपदी' कविता तो अब कवि ने मारा ताना- 'आपकी घटिया राजनीति...'

इस कविता को लिखने वाले पुष्यमित्र उपाध्याय ने कहा, " ये कविता मैंने देश की स्त्रियों के लिए लिखी थी न कि आपकी घटिया राजनीति के लिए, न तो मैं आपकी विचारधारा का समर्थन करता हूं और न आपको ये अनुमति देता हूं कि आप मेरी साहित्यिक संपत्ति का राजनैतिक उपयोग करें.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins

प्रियंका गांधी ने सुनाई कविता- सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद न आएंगे

नई दिल्ली:

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियां तेज हो गई हैं. इसी के तहत राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने महिलाओं से संवाद अभियान शुरू किया है. इस कार्यक्रम ते तहत वह चित्रकूट में मंदाकनी नदी के रामघाट पहुंची थीं, जहां उन्होंने एक कविता सुनाई. उन्होंने कहा-  सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद न आएंगे. तुम कब तक आस लगाओगी तुम बिके हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से, सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद न आएंगे. ये कविता उन्होंने महिलाओं का हौंसला बढ़ाने के लिए सुनाई, लेकिन अब इसे लेकर भी विवाद उठ गया है. इस कविता को लिखने वाले पुष्यमित्र उपाध्याय ने कहा, " ये कविता मैंने देश की स्त्रियों के लिए लिखी थी न कि आपकी घटिया राजनीति के लिए, न तो मैं आपकी विचारधारा का समर्थन करता हूं और न आपको ये अनुमति देता हूं कि आप मेरी साहित्यिक संपत्ति का राजनैतिक उपयोग करें. कविता भी चोरी कर लेने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा?"

प्रियंका ने इससे पहले कहा कि इस बार 40 फीसदी टिकट महिलाओं को टिकट देने की बात तो एक शुरुआत, मैं चाहती हूं 2024 चुनाव में महिलाओं की आधी आबादी पचास फ़ीसदी सीट पर लड़े. अपने वादों को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मोबाइल आपकी सुरक्षा में मदद करेगा और स्कूटी देने की प्रतिज्ञा आपकी पढ़ाई में मदद करेगी. महिलाओं को सरकारी बस में सारी यात्राएं फ़्री होंगी. सरकारी पदों में महिलाओं के ​लिए 40 फ़ीसदी प्रावधान पहले से मौजूद है.

Advertisement

यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए प्रियंका ने कहा कि लखीमपुर में मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल ​दिया. जिसके बाद सरकार ने अत्याचारी की मदद की. वहीं आशा बहनों को प्रशासन ने अपनी मांगों को उठाने पर बुरी तरह पीटा है. जब आपका शोषण लगातार किया जा रहा है और आप पर अत्याचार हो रहा है तो आपको पीटने वालों से अपना हक मांगेंगे तो वो कभी नहीं मिलेगा. आपको अपने हक के लिए लड़ना पड़ेगा. आपके लिए जो सरकार कुछ कर ही नहीं रही है तो उसे आगे क्यों बढ़ाना है?

Advertisement
Topics mentioned in this article