पीएम मोदी के कुवैत दौरे का दूसरा दिन, बायन पैलेस में दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई व्यापारिक समझौते भी होंगे. भारत सरकार, खाड़ी देशों के साथ रिश्तों को मजबूद करने की दिशा में काम कर रही है. बता दें कि 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने कुवैत का दौरा किया है. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत दौरे पर हैं और उन्हें यहां गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया है. बायन पैलेस में पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया है. बता दें कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुवैत दौरे का दूसरा दिन है. बता दें कि कुवैत में भारतीय प्रवासियों की तादाद सबसे अधिक है और इस वजह से भी भारत और कुवैत के संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं. 

इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई व्यापारिक समझौते भी होंगे. भारत सरकार, खाड़ी देशों के साथ रिश्तों को मजबूद करने की दिशा में काम कर रही है. बता दें कि 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने कुवैत का दौरा किया है. 

खास क्यों है पीएम मोदी का यह दौरा

इससे दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे और इसके बाद दोनों देशों के बीच कई व्यापारिक समझौते होने की भी उम्मीद है. 2022-23 में दोनों देशों के बीच बीलियन डॉलर का व्यापार हुआ है और अब इसे आगे बढ़ाया जाएगा. बता दें कि बायन पैलेस कुवैत में सत्ता का प्रतीक है और कई सारे देशों के दूतावास भी यहीं हैं. इसके बाद पीएम मोदी कुवैत के अमीर और क्राउन प्रिंस से मुलाकात करेंगे. साथ ही वह कुवैत के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करेंगे. 

इन तीनों बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी. हाल के वर्षों में कुवैत और भारत के बीच का व्यापार 10 मिलियन डॉलर से ज्यादा का हो गया है और 2022-23 में भारत से कुवैत जाने वाले एक्सपोर्ट में 34 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है. इसके बाद अब होने वाली बैठकों में कई सहमति के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. 

निवेश को माना जा रहा है महत्वपूर्ण

इसमें सबसे अहम निवेश माना जा रहा है. म्यूचुअव इंवेस्टमेंट और बाइलेट्रल इवेंस्टमेंट को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अभी भारत में कुवैत ने 10 बिलियन से ज्यादा इंवेस्टमेंट किया है और भारत को अभी और इंवेस्टमेंट की जरूरत है. इसके अलावा डिफेंस को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसे लेकर पहले से ही दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है. बता दें कि कुवैत में 30 प्रतिशत वर्कफोर्स भारतीयों का है. 

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