कोरोना काल में दोहरी मार, घर का बिगड़ा बजट, तेल-अंडा-दाल समेत जरूरी सामान हुआ महंगा

कोरोना महामारी (Covid 19 Pandemic) और लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान खाने-पीने के सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी ने आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

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खाद्य तेल के दाम आसमान छू रहे हैं. (फाइल फोटो)
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कोरोना काल में बढ़ती महंगाई
महंगाई ने बिगाड़ा घर का बजट
आसमान छू रहे सरसों तेल के दाम
नई दिल्ली:

कोरोना महामारी (Covid 19 Pandemic) और लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान खाने-पीने के सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी ने आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. खाद्य मंत्रालय के उपभोक्ता विभाग के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक साल में खाद्य तेल, अंडा से लेकर राजमा और दाल तक महंगे हुए हैं. अशोक खुराना पिछले 50 साल से सांसदों के रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स साउथ एवेन्यू में राशन की दुकान चला रहे हैं. वो हैरान हैं, जिस तरह से कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान सरसों का तेल और अंडा जैसे खाने-पीने के सामान महंगे होते जा रहे हैं.

खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 14 जून 2020 से जून 14, 2021 के बीच पैक्ड सरसों तेल लखनऊ में 126 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 205 रुपये प्रति किलो हो गया. यानी एक साल में 79 रुपया महंगा हो गया. पोर्ट ब्लेयर में सरसों तेल 142 से बढ़कर 205 रुपये यानी 63 रुपये महंगा हो गया. तिरुनेलवेली में 137 से बढ़कर 197 रुपये प्रति किलो यानी 60 रुपये महंगा हो गया. पंचकूला में 120 से बढ़कर 187 रुपये यानी 67 रुपये महंगा हुआ.

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दिल्ली में सरसों का तेल 132 रुपये से बढ़कर 177 रुपये प्रति किलो यानी 45 रुपये महंगा हुआ है. इस दौरान देश के 114 शहरों में सरसों के तेल की कीमत 118 से बढ़कर 170 रुपये तक पहुंच गई है. यानी देश में सरसों तेल एक साल में औसतन 51.09 रुपये प्रति किलो महंगा हुआ है.

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साउथ एवेन्यू में राशन दुकानदार अशोक खुराना ने NDTV से कहा, "सरसों के तेल में बढ़ोतरी की वजह साफ नहीं है. पिछले साल सरसों 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. इस बार मंडियों में 80 रुपये किलो तक सरसों बिका है. जब सरसों महंगा होगा तो सरसों का तेल का महंगा होना तय है."

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यही हाल रिफाइंड तेल और अंडे का भी रहा है. दिल्ली की राशन दुकानों में 30 अंडों की एक कैरेट हाल में 190 से 200 रुपये प्रति कैरेट की रेट तक बिकी. आज भी वो 180 रुपये प्रति कैरेट बिक रही है. पिछले तीन-चार महीनों में दाल के दाम भी 10 से 20 रुपये प्रति किलो तक बढ़े जबकि राजमा पिछले साल के 85-95 रुपये प्रति किलो की रेट से बढ़कर 140 रुपये तक पहुंच गया है.

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दिल्ली के राशन दुकानदार कार्तिक कहते हैं, "हमारी बिक्री 50% तक घट गई है. जो लोग 5 लीटर तेल खरीदते थे, वो अब 2 लीटर खरीद रहे हैं. जो 2 लीटर खरीदते थे, अब 1 लीटर खरीदते हैं."

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जाहिर है, आम लोग परेशान हैं और सरकार से कीमतों को जल्दी नियंत्रित करने की मांग कर रहे हैं. रेस कोर्स निवासी मुहम्मद सलीम कहते हैं, "हमें खाने-पीने में दिक्कत हो रही है महंगाई की वजह से." जबकि रेस कोर्स निवासी शन्नो कहती हैं, "घर का खर्चा बढ़ गया है. खर्चा पूरा नहीं कर पा रहे हैं. जब आमदनी नहीं होगी तो खर्चा कहां से आएगा. सरकार से गुजारिश है की वो सामान सस्ता करे." खाद्य सामग्रियों की महंगाई ऐसे वक्त पर बढ़ रही है, जब महामारी के दौर में आम लोगों की औसत कमाई घटी है.

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