देश के अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान हो रहा है. मुकाबला एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच हो रहा है. सपा, कांग्रेस समेत कई दलों के कुछ सदस्यों ने अपनी पार्टी के निर्देशों की अवहेलना करते हुए द्रौपदी मुर्मू को वोट किया है. वहीं, अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार किया है. उन्होंने कहा कि पंजाब से जुड़े कई मुद्दे अभी भी सुलझे नहीं हैं. पार्टी नेतृत्व ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला करने से पहले उनसे सलाह नहीं ली थी.
पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा में शिरोमणि अकाली दल के तीन विधायक हैं. राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का मुकाबला विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से है. अयाली ने एक वीडियो संदेश में कहा कि वह अपनी इच्छा के मुताबिक ही राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं और मुर्मू को समर्थन देने का फैसला करने से पहले पार्टी नेतृत्व ने उनसे सलाह नहीं ली थी.
हालांकि, दाखा से विधायक अयाली ने कहा कि वह मुर्मू की उम्मीदवारी का विरोध नहीं करते हैं. उन्होंने कहा, लेकिन, जब पार्टी ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट देने का फैसला किया, तो मुझसे सलाह नहीं ली गई. यहां तक कि सिख समुदाय से भी सलाह नहीं ली गई.
अयाली ने पंजाब के मुद्दों का जिक्र करते हुए विवादित नदी जल बंटवारे के मुद्दे का समाधान न होने के अलावा पंजाबी भाषी इलाकों को राज्य को सौंपने का मामला भी उठाया. अयाली ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद उससे पंजाब के मुद्दों के समाधान को लेकर काफी उम्मीदें थीं, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया.
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