PM मोदी की मेजबानी की तैयारी में President बाइडेन, जून में राजकीय रात्रिभोज के आयोजन की संभावना

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने साझेदारी का पूर्वावलोकन करते हुए संवाददाताओं से कहा, "चीन-रूस का कारण वास्तविक है, लेकिन सिर्फ भू-राजनीति ही भारत के साथ संबंधों का आधार नहीं है."

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस गर्मी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी करने की योजना बना रहे हैं.
नई दिल्ली/वाशिंगटन::

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस गर्मी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी करने की योजना बना रहे हैं. ब्लूमबर्ग के अनुसार, इस मामले से परिचित लोगों ने बताया कि औपचारिक राजकीय यात्रा अमेरिका-भारत संबंधों के गहराने का संकेत है, क्योंकि अमेरिकी प्रशासन चीन को बढ़ते खतरे के रूप में देखता है और उसका मुकाबला करने के लिए स्वतंत्र और खुले इंडो-पेसिफिक के लिए नीतियां बना रहा है. मामले से परिचित लोगों ने कहा कि व्हाइट हाउस जून में राजकीय रात्रिभोज आयोजित करने का लक्ष्य रखता है, लेकिन समय आगे भी बढ़ सकता है. हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

राष्ट्रपति बाइडेन की तीसरा औपचारिक राजकीय रात्रिभोज
भारत सितंबर में नई दिल्ली में 20 नेताओं के समूह शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जहां यूक्रेन पर रूस का आक्रमण चर्चा के प्रमुख विषयों में से एक होगा. यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सभा में भाग लेंगे या नहीं. राष्ट्रपति बाइडेन के मई में ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी से मुलाकात की भी उम्मीद है. बाइडेन और मोदी ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेताओं के साथ क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी के साथ रात्रिभोज राष्ट्रपति बाइडेन की तीसरा औपचारिक राजकीय रात्रिभोज होगा. इससे पहले उन्होंने दिसंबर में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के लिए और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल के लिए 26 अप्रैल को राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया था.

पीएम मोदी से दोस्ती की मांग
अमेरिका और भारत ने पिछले महीने क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी पर एक पहल की घोषणा की थी, जिसमें जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन सहित उन्नत रक्षा और कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी को साझा करने की योजना है. सैन्य तकनीकों के लिए मॉस्को पर भारत की ऐतिहासिक निर्भरता और चीन की बढ़ती मुखरता को कम करके अमेरिका भारत में रूसी प्रभाव का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों पर साझेदारी का इरादा है. दोनों दलों के अमेरिकी राजनीतिक नेताओं ने पीएम मोदी के साथ संबंध मजबूत करने की मांग की है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने साझेदारी का पूर्वावलोकन करते हुए संवाददाताओं से कहा, "चीन-रूस का कारण वास्तविक है, लेकिन उच्च प्रौद्योगिकी के गहरे, लोकतांत्रिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण का विचार भी है. तो, सिर्फ भू-राजनीति ही भारत के साथ संबंधों का आधार नहीं है."

Advertisement

यह भी पढ़ें
दिल्ली-NCR में तेज बूंदाबांदी से मौसम हुआ सुहाना, देश के इन हिस्सों में झमाझम बारिश के आसार
CBI और ED निष्पक्ष काम कर रही, जांच किए जा रहे अधिकतर मामले UPA शासन में दर्ज हुए : शाह

Advertisement
Featured Video Of The Day
US Elections 2024: अमेरिकी जनता के लिए कौन से मुद्दे हैं अहम? | Kamala Harris | Donald Trump
Topics mentioned in this article