खाद्य सुरक्षा मानकों की मजबूती पर जोर, गुमराह करने वाली लेबलिंग-विज्ञापनों पर नकेल कसने की तैयारी

फूड रेगुलेटर FSSAI ने हाल ही में 30 मई को  फूड बिजनेस ऑपरेटर यानी FBOs को खाद्य लेबलिंग में "100%" शब्द के इस्तेमाल के खिलाफ सख्त एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें उपभोक्ताओं को गुमराह करने की कोशिशों पर चिंता जताई गई थी.

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भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल कसने की तैयारी
नई दिल्ली:

उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाली भ्रामक लेबलिंग और विज्ञापनों पर नकेल कसने की तैयारी तेज़ हो गई है. बुधवार को इस मसले पर संसद की अधीनस्थ विधान संबंधी समिति (Parliamentary Committee on Subordinate Legislation) की एक अहम बैठक हुई जिसमें इस पर सदस्य सांसदों ने गंभीर चिंता जताई. 

खाद्य सुरक्षा मानकों की हो रही जांच

संसद की अधीनस्थ विधान संबंधी समिति (Parliamentary Committee on Subordinate Legislation) के चेयरमैन मिलिंद मुरली देवड़ा ने बैठक के बाद NDTV से कहा कि हम देश में खाद्य सुरक्षा मानकों की जांच कर रहे हैं. विस्तृत जांच के बाद, हम संसद में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. हम देश में खाद्य सुरक्षा और लेबलिंग मानकों को मजबूत करने के लिए अपनी अंतिम रिपोर्ट में महत्वपूर्ण सिफारिशें करेंगे.

मिलिंद देवड़ा का बयान अधीनस्थ विधान संबंधी संसदीय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद आया है, जिसमें "खाद्य सुरक्षा और मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) विनियम, 2020 और उसके बाद के संशोधनों" की विस्तृत समीक्षा की गई. सूत्रों के अनुसार, सांसदों ने कंपनियों द्वारा खाद्य और उपभोक्ता उत्पादों की भ्रामक लेबलिंग और विज्ञापनों के बारे में गंभीर चिंता जताई.

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लेबलिंग मानकों को सख्ती से लागू करने की जरूरत

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, राष्ट्रीय पोषण संस्थान (NIN) की निदेशक और भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के सीईओ भी इस समीक्षा बैठक में शामिल हुए. संसदीय समिति के सूत्रों ने NDTV को बताया कि न केवल मौजूदा नियमों और लेबलिंग मानकों को सख्ती से लागू करने और लागू करने की तत्काल आवश्यकता है, बल्कि उपभोक्ताओं के हित में और अधिक कड़े नियम और मानक तैयार करने की भी आवश्यकता है.

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फूड प्रोडक्ट की लेबलिंग में नहीं होगा '100%' शब्द का इस्तेमाल

फूड रेगुलेटर FSSAI ने हाल ही में 30 मई को  फूड बिजनेस ऑपरेटर यानी FBOs को खाद्य लेबलिंग में "100%" शब्द के इस्तेमाल के खिलाफ सख्त एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें उपभोक्ताओं को गुमराह करने की कोशिशों पर चिंता जताई गई थी. एडवाइजरी में कहा गया कि FBOs को किसी भी फूड प्रोडक्ट की लेबलिंग में '100%' शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. FBOs को निर्देश दिया गया कि वह फूड लेबल्स के साथ-साथ पैकेजिंग और प्रमोशन कंटेंट में भी '100%' शब्द का इस्तेमाल न करें.

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पिछले कुछ दिनों में '100%' शब्द का इस्तेमाल फूड labels और E-Commerce sites par... प्रमोशन प्लेटफॉर्म पर बढ़ता जा रहा है. "100%" term को Food Safety and Standards (Advertising and Claims) Regulations 2018 में डिफाइन नहीं किया गया है.  FSS Act 2006 में भी इसे डिफाइन नहीं किया गया है. 

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100% टर्म के इस्तेमाल से उपभोक्ता हो सकते हैं गुमराह

FSSAI का मानना है कि फूड लेबल पर "100%" टर्म का इस्तेमाल करके उपभोक्ताओं को गुमराह किया जा सकता है कि wo फूड प्रोडक्ट 'Absolutely Pure' है या दूसरे फूड प्रोडक्ट्स से ज्यादा सुपीरियर है. इस निर्देश से उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षित रखना संभव हो सकेगा और लेबलिंग की प्रक्रिया में प्रदर्शित आएगी.

Nutrition Activist डॉ. अरुण गुप्ता मानते हैं कि FSSAI को इन नए निर्देशों को शक्ति से लागू करना होगा. उनके मुताबिक यह बहुत जरूरी होगा कि मौजूदा रेगुलेशंस और कानून में संशोधन किया जाए, जिससे कि फूड प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियां की जवाबदेही तय की जाए और इन रेगुलेशंस के उल्लंघन पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान हो.

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