Pics : राजनीतिक गुरु को पटखनी देकर दूसरी बार सिक्किम के CM बनेंगे प्रेम सिंह तमांग

प्रेम सिंह तमांग को तेजतर्रार राजनेता माना जाता है. सिक्किम विधानसभा चुनाव में तमांग का व्यक्तिगत करिश्मा देखने को मिला और एसकेएम ने राज्‍य की 32 में से 31 सीटों पर जीत दर्ज की है.

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तमांग को योग्य संगठनकर्ता, प्रशासक और तेजतर्रार राजनेता माना जाता है.
गंगटोक :

सिक्किम विधानसभा चुनाव (Sikkim Assembly Elections 2024) में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (Sikkim Krantikari Morcha) की जबरदस्‍त जीत के पीछे जिस एक शख्‍स का योगदान हैं वो हैं मुख्‍यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (Prem Singh Tamang). एक शिक्षक से राजनेता और फिर मुख्‍यमंत्री बनने का उनका सफर कम रोचक नहीं है. तमांग की पार्टी ने इन चुनावों में 32 सीटों में से 31 पर जीत दर्ज की है. यह आंकड़ा बता रहा है कि विपक्षी दलों और उनके बीच अंतर कितना विशाल है. तमांग अपने राजनीतिक गुरु को हराकर एक बार फिर सिक्किम की बागडोर संभालने जा रहे हैं. 

56 साल के प्रेम सिंह तमांग को योग्य संगठनकर्ता, प्रशासक और तेजतर्रार राजनेता माना जाता है. इन चुनावों में उनका व्यक्तिगत करिश्मा तो देखने को मिला ही विकास और कल्याणकारी योजनाओं के बल पर पार्टी की सीटें भी बढ़ीं और मत भी. 

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कालू सिंह तमांग और धन माया तमांग के घर पांच फरवरी 1968 को प्रेम सिंह तमांग का जन्‍म हुआ. पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के एक कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1990 में सरकारी स्कूल में शिक्षक बन गए.

तमांग ने यह नौकरी तीन साल बाद छोड़ दी और 1994 में एसडीएफ की सह-स्थापना की और कई सालों तक जुड़े रहे. 2013 में अपनी पार्टी बनाने से पहले करीब 15 सालों तक मंत्री रहे. एसकेएम ने 2014 के विधानसभा चुनावों में 10 सीटें जीतीं थी. 

चामलिंग से मतभेद के बाद तमांग ने सिक्किम की राजनीति में अकेले बढ़ने का फैसला किया और उन्हें अपने पूर्व राजनीतिक गुरु के क्रोध का भी सामना करना पड़ा. उन पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हुआ और एक वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई. इसके कारण उन्‍हें अपर बुर्तुक सीट से विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया. 

जेल से बाहर आने के बाद तमांग ने अपनी पार्टी को नया स्वरूप दिया. दो सालों में ही उनकी पार्टी ने चामलिंग को सत्ता से हटा दिया और 2019 में 17 सीटें जीत लीं.

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केंद्र ने उनके 2019 का चुनाव जीतने के बाद सार्वजनिक पद ग्रहण करने पर लगा प्रतिबंध हटा दिया. उन्होंने उस साल 27 मई को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. 

वहीं तमांग ने अपनी शक्ति को और मजबूत किया और पार्टी के आधार और समर्थन का विस्तार किया. भाजपा के साथ गठबंधन करके केंद्र से उदार वित्त पोषण के विकास कार्यों को लागू किया. हालांकि सीट बंटवारे के मुद्दे पर 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले ही यह गठबंधन टूट गया. 

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