2036 तक भारत की कितनी होगी आबादी? देखें सरकार की ताजा रिपोर्ट के आंकड़े

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि साल 2036 में भारत की जनसंख्या में 2011 की जनसंख्या की तुलना में स्त्रियों की संख्या अधिक होने की संभावना है.

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भारत में लिंगानुपात वर्ष 2036 में सुधरेगा: सरकारी अध्ययन
नई दिल्ली:

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सोमवार को ‘भारत में महिला एवं पुरुष 2023' रिपोर्ट में जारी की. जिसमें साल 2036 में देश की आबादी (India Population 2036) कितनी होगी, महिल सेक्स रेश्यो और देश में आनेवाले समय में महिलाओं की आबादी का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2036 तक भारत की जनसंख्या 152.2 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है. बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की जनसंख्या 121.1 करोड़ थी. इसके अलावा रिपोर्ट साल 2036 में महिला की जनसंख्या प्रतिशत थोड़ा बढ़ने की भी उम्मीद जताई है. 

लिंग अनुपात 943 से बढ़कर 952 हो जाएगा

भारत में लिंगानुपात 2011 के प्रति एक हजार पुरुषों पर 943 महिलाएं के स्तर से बढ़कर 2036 में प्रति 1000 पुरुषों पर 952 महिलाएं होने की उम्मीद है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2011 में प्रत्येक एक हजार पुरुषों पर 943 महिलाएं थी जो बढ़कर 2036 तक प्रति एक हजार पुरुषों पर 952 हो जाने का अनुमान है, जो लैंगिक समानता में सकारात्मक चलन को दर्शाता है. रिपोर्ट के मुताबिक 2036 तक भारत की जनसंख्या 152.2 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें महिलाओं का प्रतिशत 2011 के 48.5 प्रतिशत की तुलना में थोड़ा बढ़कर 48.8 प्रतिशत हो जाएगा.

  • भारत में आबादी 152.2 करोड़ हो जाएगी
  • महिलाओं की आबादी .3 पर्सेंट बढ़कर 48.8% हो जाएगी
  • 2011 की जनगणना में महिलाओं की आबादी 48.5% थी

मतदान में बढ़ी महिलाओं की भागेदारी

रिपोर्ट के मुताबिक 15वें आम चुनाव (1999) तक, 60 प्रतिशत से भी कम महिला मतदाताओं ने भाग लिया, जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत उनसे आठ प्रतिशत अधिक था. हालांकि, 2014 के चुनावों में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया, जिसमें महिलाओं की भागीदारी बढ़कर 65.6 प्रतिशत हो गई, और 2019 के चुनावों में यह और बढ़कर 67.2 प्रतिशत हो गई. पहली बार, महिलाओं के लिए मतदान प्रतिशत थोड़ा अधिक था, जो महिलाओं में बढ़ती साक्षरता और राजनीतिक जागरूकता के प्रभाव को दर्शाता है.

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स्टार्ट-अप में छाई महिलाएं

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने जनवरी 2016 में अपनी स्थापना के बाद से दिसंबर 2023 तक कुल 1,17,254 स्टार्ट-अप को मान्यता दी है. इनमें से 55,816 स्टार्ट-अप महिलाओं द्वारा संचालित हैं, जो कुल मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप का 47.6 प्रतिशत है. यह महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व भारत के स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी में महिला उद्यमियों के बढ़ते प्रभाव और योगदान को रेखांकित करता है. (भाषा इनपुट के साथ)

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