राज्यपाल की मेहमाननवाजी के बाद गरीब बुद्धराम को मिला 14 हजार रुपये चुकाने का फरमान

24 अगस्त को मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने घाटखेड़ी के बुद्धराम आदिवासी के घर का फीता काटा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बुद्धराम को ये घर मिला था. वहीं खाना खाया, महामहिम आए थे सो दिखावे का दस्तूर निभाया गया.

Advertisement
Read Time: 26 mins
भोपाल:

आजकल माननीयों के दौरों का दस्तूर है गरीबों के घर खाना खाना. मध्यप्रदेश में विदिशा ज़िले के घाटखेड़ी गांव में रहने वाले बुद्धराम आदिवासी को प्रधानमंत्री आवास के तहत मकान मिला, अगस्त में राज्यपाल ने उनके घर की चाबी सौंपी, वहां खाना खाया. लेकिन अब ये वीआईपी दौरा गरीब बुद्धराम आदिवासी को बहुत महंगा पड़ रहा है. दरअसल, 24 अगस्त को मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने घाटखेड़ी के बुद्धराम आदिवासी के घर का फीता काटा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बुद्धराम को ये घर मिला था. वहीं खाना खाया, महामहिम आए थे सो दिखावे का दस्तूर निभाया गया. पंखा, भारी-भरकम गेट लगवाया गया. लेकिन ये आवभगत बुद्धराम को भारी पड़ रही है. अगले ही दिन पंखा निकाल लिया गया है, गेट के प्लाइबोर्ड के दरवाजे के लिये 14000 मांगे जा रहे हैं.

NDTV की खबर का असर : MP में सीवेज टैंक में उतरने से दो की मौत मामले में दर्ज होगा केस, मिलेगा मुआवजा

Advertisement

बुद्धराम का कहना है कि अफसर आए थे. उन्होंने कहा था कुटी में खाना खाएंगे, मजदूर भी लगाए जो आए थे. श्रीमान राज्यपाल जी खाना खाया, पंखा लगा दिया. बाद में सरपंच साहब बोले पंखा हमारा है. गेट लगवा दिया सरपंच साहब बोले सेठ के पास चलो जाओ गेट लगवा लो. सेठजी ने सरपंच से कहा पैसे नहीं आए मेरे पास पैसा नहीं है. मुझे पता रहता इतने का गेट है तो मैं नहीं लगवाता. उनकी रिश्तेदार गोपीबाई ने कहा राज्यपाल साहब आए, कर्जा में करवा गये. गेट लगवाये मेहनत करके पूर्ति करेंगे, पंखा भी निकाल ले गये क्या सुविधा मिली कुछ नहीं."

Advertisement
Advertisement

इस एक घर में दो योजनाओं का हाल दिख गया उज्जवला का गैस सिलेंडर और चूल्हा भी उसी दिन मिला था, जिस दिन राज्यपाल आए थे. लेकिन उसका उपयोग भी नहीं हो रहा है. 6 लोगों के परिवार को चलाने वाले बुद्धराम दिहाड़ी कर रहे हैं. अब भी अपने पुराने टपरे में ही रहते हैं क्योंकि घर बाहर से पूरा, अंदर से अधूरा है.

Advertisement

मध्‍यप्रदेश में पीएम आवास योजना की हकीकत, कच्‍चे मकानों के लिए भी ली गई रिश्‍वत...

सरकार तक जब हमने बुद्धराम की कहानी पहुंचाई तो मंत्रीजी ने इसे गलत बताया और कहा कार्रवाई होगी. कांग्रेस का आरोप है कि दिखावे के लिये सरकार ऐसे काम करती है, जिसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ता है. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिये. ऐसा कोई घटनाक्रम हुआ है तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. महामहिम राज्यपाल ने कुछ कहा है, कहीं गये हैं तो उनके सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा. जब हमने पूछा कि क्या सिर्फ प्रतीक था कि घर पहला सजा दिया गया बाद में सब निकाल लिया तो उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से हमारे यहां परंपरा है कि जब कोई अतिथि आता है तो सफाई पुताई होती है. लेकिन जो आप बता रहे हैं महामहिम राज्यपाल के गरिमा के खिलाफ है. इसलिये हम गलत मानते हैं, कार्रवाई करेंगे.

वहीं कांग्रेस के विधायक कुणाल चौधरी ने कहा "महामहिम जब चले जाते हैं तो 14000 का  बिल थमा देते हैं, मेरा आग्रह है गरीब को लूटना बंद करें, उनके साथ जो अन्याय किया जा रहा है सिर्फ बड़े बड़े पंडाल लगाने से कुछ नहीं होगा. जो लोग ऐसे काम में लिप्त हैं उनके खिलाफ एफआईआर होनी चाहिये."

MP में अब तक 82% से अधिक योग्य आबादी को लग चुकी है वैक्सीन की दोनों डोज : शिवराज सिंह चौहान

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही हमने डिंडौरी जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना की हकीकत दिखाई थी कि कैसे दर्जनों कच्चे और झोपड़ीनुमा मकान बना दिए गए हैं, इसके लिये भी रिश्वत में रूपये और मुर्गे की मांग की गई. हमारी खबर के बाद दो छोटे अधिकारियों पर कार्रवाई की रस्मअदाएगी हो गई.

हमने ये भी बताया था कि कैसे 4 लाख मकानों के लिये राज्य सरकार ने अपना अंशदान नहीं दिया जिसकी वजह से केन्द्र ने 640 करोड़ की राशि रोक ली है, लिहाजा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट में सरकार ने प्रधानमंत्री आवास के लिए दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान कर दिया है.

विज्ञापनों में गरीब का घर चमकता है, ये और बात है कि 1,20,000 के घर में ब्रांडिंग के लिये नेताजी घर में खाना खा आते हैं अखबार में सुर्खियां बन जाती हैं फिर कहानी बुद्धराम जैसी होती है एक नहीं कई हितग्राहियों के साथ कि चमकधमक में सिर्फ दरवाजों के 140000 उसे चुकाना होता है. एक और बात मप्र में प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण में 40 प्रतिशत तो शहरी में करीब 50 फीसदी घर बनने हैं, ऐसे में 2022 तक सबको आवास का सपना कैसे पूरा होगा ये समझना मुश्किल है.

रवीश कुमार का प्राइम टाइम : पीएम आवास योजना की हकीकत, कच्‍चे मकानों के लिए भी ली गई रिश्‍वत

Featured Video Of The Day
Ganpati Visarjan Mumbai: गणपति विसर्जन के लिए BMC की क्या हैं खास तैयारियां?
Topics mentioned in this article