एक मंदिर की ओर जा रहे वारकरी भक्तों पर रविवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे जिले के पंढरपुर में पुलिस ने लाठीचार्ज किया. लाठीचार्ज की घटना को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोला है. जानकारी के अनुसार भगवान कृष्ण के एक रूप भगवान विठोबा के भक्तों के द्वारा निकाले गए जुलूस के दौरान श्रद्धालुओं की पुलिस से बहस हो गई जिसके बाद पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज किया गया. विवाद की शुरुआत आलंदी में श्री क्षेत्र मंदिर में प्रवेश को लेकर हुआ.
घटना को लेकर पुलिस सूत्रों ने कहा कि श्रद्धालुओं की भारी संख्या को नियंत्रित करने के लिए उन्हें हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस ने कहा कि परंपरा के अनुसार केवल 75 सदस्यों को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन लगभग 400 लोग जबरन मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे जिसे प्रशासन की तरफ से रोका गया.
पुलिस की कार्रवाई को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोला है. शिवसेना के वरिष्ठ सांसद संजय राउत ने ट्वीट किया है कि "ओह ओह.. हिंदुत्व सरकार के ढोंग का पर्दाफाश हो गया.. नकाब उतर गया.. औरंगजेब क्या अलग व्यवहार करता था? मुगलों का महाराष्ट्र में पुनर्जन्म हुआ है."
एनसीपी के छग्गन भुजबल ने ट्वीट किया, वारकरी संप्रदाय, वारकरी बंधुओं के प्रति सरकार की कोई जिम्मेदारी है या नहीं? उन्होंने लिखा श्री क्षेत्र आलंदी में जिस तरह से पुलिस ने वारकरी बंधुओं पर लाठियां बरसाईं, वह अत्यंत निंदनीय है. वारकरी संप्रदाय की नींव रखने वाले महान संत ज्ञानेश्वर महाराज के सान्निध्य में वारकरी बंधुओं का यह अपमान घोर निंदनीय है.
बताते चलें कि वारकरी वे तीर्थयात्री हैं जो आलंदी से पंढरपुर के विठ्ठल मंदिर जाते हैं. पदयात्रा 11 जून से शुरू हुई है. 10 जून को आलंदी से संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी और देहू से संत तुकाराम महाराज पालकी का प्रस्थान इस भव्य तीर्थयात्रा की शुरुआत का प्रतीक है. वारकरियों के 29 जून को आषाढ़ी एकादशी के शुभ दिन पंढरपुर के पवित्र शहर में जुटने की उम्मीद थी.
ये भी पढ़ें-
- बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मांगे सबूत, पहलवानों से फोटो-वीडियो और चैट सौंपने को कहा : सूत्र
- खतरनाक बिपरजॉय चक्रवाती तूफान की 15 जून को गुजरात के तट से टकराने की संभावना