यूपी के गाजियाबाद में कविनगर थाना क्षेत्र के लाल कुआं में रहने वाली महिला विजेता ने 28 मई को साहिबाबाद थाने में खरगोश चोरी होने की रिपोर्ट लिखाई थी. महिला के हंगामे और उसकी सेहत को देखते हुए थाने से खरगोश की तलाश के लिए तीन टीमों का गठन किया गया. सात साल पूर्व रामपुर में भैंस चोरी की खबर ने पुलिस महकमे की नींद उड़ा दी थी. तब भैंसों की तलाश में पुलिस अधिकारियों को भी जुटना पड़ा था. 24 घंटे की जद्दोजहद के बाद टीम को भैंस ढूंढने में सफलता मिली थी. कुछ ऐसा ही एक मामला साहिबाबाद थाना क्षेत्र में सामने आया है लेकिन यहां भैंस नहीं. बल्कि एक महिला के खरगोश चोरी का है.
महिला के हंगामे और शिकायत के बाद साहिबाबाद थाने से तीन टीमों का गठन किया गया. एक हफ्ते तक टीम ने सिटी फॉरेस्ट में कड़ी निगरानी रखी और सोमवार रात डेढ़ बजे पुलिस को खरगोश ढूंढने में सफलता मिल गई. कविनगर थाना क्षेत्र के लालकुआं पर रहने वाली देवांती उर्फ विजेता कई वर्षों से खरगोश पालती हैं. 27 मार्च को उन्होंने एक खरगोश (फीमेल) सिटी फॉरेस्ट में केयर टेकर संजय को रखने के लिए दिया था. कागजी कार्रवाई के बारे में संजय ने मना कर दिया. 17 अप्रैल को उन्होंने खरगोश देखा और चली गईं. मई माह में वह वापस आईं और सिटी फॉरेस्ट में संजय से खरगोश मांगा तो उसने गायब होने की जानकारी दी. इस पर उनकी तबीयत बिगड़ गई.
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उनका कहना था कि वह खरगोश को बच्चे की तरह पालती हैं. उन्होंने संजय समेत तीन स्टाफ पर खरगोश चोरी होने का शक जाहिर किया. 25 मई को साहिबाबाद पुलिस को संजय. रसूली और छोटे के खिलाफ खरगोश चोरी की शिकायत दी. पुलिस ने खरगोश तलाशने का आश्वासन देकर तीन दिन तक सिटी फॉरेस्ट के कोने-कोने में निगरानी की लेकिन कामयाबी नहीं मिली. दिलचस्प बात है कि सिटी फॉरेस्ट में सात दिन तक खरगोश को तलाशने का सर्च ऑपरेशन चला. सोमवार रात करीब 1.30 बजे पुलिस को खरगोश पकड़ने में सफलता मिली. महिला ने खरगोश की पहचान की है. सात दिन में उसने दो बच्चों को भी जन्म दिया है. साहिबाबाद थाना प्रभारी नागेंद्र चौबे का कहना है कि महिला को खरगोश और उसके बच्चे सुपुर्द कर दिए गए हैं.
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