चेन्नई की एक पॉक्सो अदालत ने 13 साल की एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने एवं उसे प्रोस्टिट्यूशन में धकेलने के जुर्म में सोमवार को आठ लोगों को उम्रकैद की सजा सुनायी. साथ ही एक पुलिस निरीक्षक, एक भाजपा कार्यकर्ता एवं एक पत्रकार समेत 13 लोगों को इस मामले में उनकी संलिप्तता को लेकर 20-20 साल की कैद की सजा सुनायी गयी. विशेष अदालत ने 15 सितंबर को सभी 21 आरोपियों को दोषी ठहराया था और आज सजा की घोषणा की. बच्चों को यौन अपराध से संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों से निपटने के लिए यह अदालत गठित की गयी है.
दोषियों को जेल की सजा सुनाने के अलावा अदालत की पीठासीन अधिकारी एम राजलक्ष्मी ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पीड़िता को क्षतिपूर्ति के तौर पर पांच लाख रूपये का भुगतान करे. न्यायाधीश ने कहा कि 21 अभियुक्तों पर लगाये गये जुर्माने के दो लाख रूपये भी उसे दिए जाएं. जिन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है उनमें पीड़िता के सौतेले पिता एवं सौतेली मां शामिल हैं. इन्नोर थाने से संबद्ध रहे निलंबित निरीक्षक सी पुगालेंधी, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) कार्यकर्ता जी राजेंद्रम और एक निजी चैनल के पत्रकार विनोबाजी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें इस प्रकरण में 20 साल की कैद की सजा सुनायी गयी है.
पीड़िता की मां की शिकायत पर वार्षमेनपेट के महिला थाने ने 26 लोगों के विरूद्ध मामला दर्ज किया था और नवंबर, 2020 में आरोपपत्र दाखिल किया गया था जो 560 से अधिक पन्नों का था. पुलिस के अनुसार इन 26 आरोपियों में से चार फरार हैं जबकि एक की मौत हो गयी. यह मामला सुर्खियों में रहा था क्योंकि तब महज 13 साल की इस पीड़िता के साथ 100 से अधिक लोगों ने बलात्कार किया और उसे प्रोस्टिट्यूशन में धकेला गया.