केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की सराहना की और कहा कि इसने युवाओं में नयी उम्मीद जगाई तथा गरीबों, आदिवासियों और वंचितों के बीच उनके द्वारा बनाए गए भरोसे को पुनर्जीवित किया. शाह ने कहा कि अपने सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ मोदी ने पुष्टि की कि भारत अपने ‘अमृत काल' में पीछे मुड़कर नहीं देख रहा है. गृह मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपने संबोधन में सर्वोत्तम संसदीय परिपाटी की नयी मिसाल कायम करते हुए युवाओं में नयी आशा का संचार किया. अपने सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रधानमंत्री ने पुष्टि की कि भारत अपने अमृत काल में पीछे मुड़कर नहीं देख रहा है.''
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के भाषण ने गरीबों, आदिवासियों और वंचितों के विश्वास को पुनर्जीवित किया है. उन्होंने (मोदी ने) गरीबों, आदिवासियों और वंचितों को उनके अधिकार प्रदान किए हैं और उनका जीवन स्तर ऊपर उठाया है. शाह ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘और विश्वास की इस बुनियाद को अब वे लोग नहीं हिला सकते जिन्होंने आजादी के बाद दशकों तक उन्हें वंचित रखा.''
मोदी ने कहा कि उनके पास 140 करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद का सुरक्षा कवच है जिसे कोई भेद नहीं सकता. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश की जनता नकारात्मकता स्वीकार नहीं कर सकती और उनके ऊपर लगाये गये ‘‘झूठे आरोपों'' पर कभी भरोसा नहीं करेगी. अपने लगभग 85 मिनट के संबोधन में मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी और संघर्षों के कारण दुनिया के कई हिस्सों में अस्थिरता के बीच दुनिया भारत को आशा और सकारात्मकता के साथ देख रही है.
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