पीएम की सुरक्षा में चूक से जुड़े सवालों को एकतरफा जांच के लिए नहीं छोड़ा जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन सवालों को किसी एक तरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता. इस मामले में स्वतंत्र जांच की जरूरत है.

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नई दिल्ली:

पंजाब में PM नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक (PM Security Breach)  के मसले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने कहा है कि हमारी राय है कि इन सवालों को एकतरफा जांच के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है और इसे न्यायिक रूप से प्रशिक्षित स्वतंत्र विवेक के माध्यम से हल किया जाए जिन्हें सुरक्षा कारणों से अच्छी तरह से परिचित अधिकारियों और पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा विधिवत सहायता प्रदान की जाए. सभी मुद्दों को प्रभावी ढंग से देखने और इस एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जाए और अदालत के सामने रखी जाए. 

 जांच कमेटी के लिए निम्नलिखित नियम और संदर्भ का उल्‍लेख हो

1. सुरक्षा में चूक के क्या कारण हैं?

2. इस तरह की चूक के लिए कौन जिम्मेदार है और किस हद तक?

3. प्रधान मंत्री और अन्य सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा के लिए उपचारात्मक उपाय या सुरक्षा उपाय क्या हो सकते हैं?

4. अन्य संवैधानिक पदाधिकारियों की सुरक्षा  में सुधार के लिए कोई सुझाव और सिफारिशें 

- और कोई अन्य मुद्दे जो कमेटी उपयुक्त समझे

- हम कमेटी से जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का अनुरोध करते हैं

- हम पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को कमेटी की अध्यक्ष को सभी रिकॉर्ड देने का निर्देश देते हैं. 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में  SC की रिटायर जज जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अगुवाई में कमेटी बनाई है. इस कमेटी में DG NIA, DGP चंडीगढ़, IG सुरक्षा (पंजाब), पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट  के रजिस्ट्रार जनरल भी शामिल होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन सवालों को किसी एकतरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता. इस मामले में स्वतंत्र जांच की जरूरत है. उल्लंघन के कारणों का पता लगाया जाना चाहिए. पता लगे कि कौन जिम्मेदार है. इस तरह की चूक रोकने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय क्या हैं. 

सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी से कहा है कि रिपोर्ट जल्द से जल्द दाखिल करे. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल सभी सील रिकॉर्ड कमेटी अध्यक्ष को प्रस्तुत करेंगे.सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सभी मौजूदा जांच कमेटियों पर रोक जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अभी अपने विस्तृत आदेश में कमेटी के लिए जांच रिपोर्ट सौंपने की कोई समय सीमा तय नहीं की है. कोर्ट ने कहा है कि समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देगी. कमेटी ये अध्ययन करेगी कि सुरक्षा में चूक का मूल कारण क्या था?  इसके लिए कौन जिम्मेदार है  और सुरक्षा को और अभेद्य बनाने के लिए और कौन कौन से उपाय किए जा सकते हैं

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