प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन कावेरी' के जरिए सूडान से सुरक्षित निकाले गए हक्की पिक्की जनजाति के सदस्यों से रविवार को मुलाकात की. इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि विस्थापितों ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें 'बिना किसी खरोंच के' सुरक्षित निकालना सुनिश्चित किया. प्रधानमंत्री ने जनजाति के लोगों को याद दिलाया कि कैसे उनके पूर्वज 16वीं शताब्दी के शासक महाराणा प्रताप के साथ खड़े रहे.
उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर पूरी दुनिया में कहीं भी कोई भी भारतीय किसी भी तरह की कठिनाई में होगा, तो सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी, जब तक कि समस्या का समाधान नहीं हो जाता. मोदी के हवाले से कहा गया, ‘‘कुछ राजनीतिक नेताओं ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश की, और हमारी चिंता यह थी कि यदि वे यह उजागर करते हैं कि भारतीय कहां छिपे हैं, तो उन्हें अधिक खतरे का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए सरकार ने सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चुपचाप काम किया.”
प्रधानमंत्री ने हक्की पिक्की जनजाति के लोगों से कहा कि वे देश की उस ताकत को याद रखें, जो उनके लिए खड़ी थी. उन्होंने उनसे मुसीबत में पड़े लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहने और समाज तथा देश के लिए योगदान देने को कहा. अधिकारियों ने कहा कि विस्थापितों ने प्रधानमंत्री को बताया कि कैसे विदेशों में लोगों का भारतीय दवाओं पर विश्वास है तथा वे यह सुनकर खुश हो जाते हैं कि वे भारत से हैं.
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