'डॉक्टर्स डे' के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार के देश के डॉक्टरों को संबोधित किया. IMA यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान ऐसे कितने ही लोग ऐसे होंगे जिनका जीवन किसी संकट में पड़ा होगा, किसी बीमारी या दुर्घटना का शिकार हुआ होगा, या फिर कई बार हमें ऐसा लगने लगा होगा कि क्या हम किसी हमारे अपने को खो देंगे? उन्होंने कहा कि आज जब देश कोरोना से इतनी बड़ी जंग लड़ रहा है तो डॉक्टर्स ने दिन-रात मेहनत करके, लाखों लोगों का जीवन बचाया है. डॉक्टरों को ईश्वर का दूसरा रूप ऐसे ही नहीं कहा जाता.प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पुण्य कार्य करते हुए देश के कई डॉक्टर्स ने अपनी जिंदगी भी न्यौछावर कर दी.मैं उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल हेल्थ सेक्टर के लिए बजट का आवंटन दोगुने से भी ज्यादा यानि दो लाख करोड रुपये से भी अधिक किया गया. अब हम ऐसे क्षेत्रों में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की एक क्रेडिट गारंटी स्कीम (Credit Guarantee Scheme) लेकर आए हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है.
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स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार को लेकर किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि 2014 तक जहां देश में केवल 6 एम्स थे, इन 7 सालों में 15 नए एम्स का काम शुरू हुआ है. मेडिकल कॉलेजेज़ की संख्या भी करीब डेढ़ गुना बढ़ी है. इसी का परिणाम है कि इतने कम समय में जहां अंडरग्रेजुएट सीट्स में डेढ़ गुने से ज्यादा की वृद्धि हुई है, पीजी सीट्स में 80 फीसदी इजाफा हुआ है.उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौरान एक और अच्छी चीज हमने देखी है कि मेडिकल फ्रेटर्निटी के लोग, योग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बहुत आगे आए हैं.योग को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए जो काम आजादी के बाद पिछली शताब्दी में किया जाना चाहिए था, वो अब हो रहा है.