प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) रविवार को भारत मंडपम में पीएम गतिशक्ति (PM GatiShakti) अनुभूति केंद्र का औचक दौरा किया. अनुभूति केंद्र में पीएम गतिशक्ति की प्रमुख विशेषताओं और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है. पीएम मोदी ने गतिशक्ति के प्रभाव के कारण देश भर की विकास परियोजनाओं की योजना और कार्यान्वयन में हुई प्रगति की सराहना की. साथ ही कहा कि ‘पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान' (पीएमजीएस-एनएमपी) एक परिवर्तनकारी पहल के रूप में उभरा है, जिसका उद्देश्य भारत के बुनियादी ढांचे में क्रांति लाना है और यह सभी क्षेत्रों में तेज और अधिक कुशल विकास को बढ़ावा दे रहा है.
अनुभूति केंद्र पीएमजीएस-एनएमपी की प्रमुख विशेषताओं, उपलब्धियों और मील के पत्थरों को प्रदर्शित करता है और इसे विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों को ‘मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी' बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था.
मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान भारत के बुनियादी ढांचे में क्रांति लाने के उद्देश्य से एक परिवर्तनकारी पहल के रूप में उभरा है. इसने मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में तेज और अधिक प्रभावी विकास हुआ है.''
लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा और लोगों को नए अवसर
उन्होंने कहा कि विभिन्न हितधारकों के निर्बाध एकीकरण से लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा मिला है, विलंब कम हुआ है और कई लोगों के लिए नए अवसर उत्पन्न हुए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘गतिशक्ति के कारण भारत विकसित भारत के हमारे सपने को पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह प्रगति, उद्यमशीलता और नवाचार को प्रोत्साहित करेगा.''
13 अक्टूबर 2021 को शुरू किया गया था लॉन्च
'पीएम गति शक्ति' योजना को 13 अक्टूबर, 2021 को लॉन्च किया गया था. इसे केंद्र सरकार ने रेलवे, सड़क, पोर्ट, वाटरवे, एयरपोर्ट्स, परिवहन और लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर के तेज विकास के लिए शुरू किया था. इसका उद्देश्य सरकारी विभागों और मंत्रालयों के बीच समन्वय बनाकर किसी परियोजना की सटीक योजना बनाना और उसे तेज गति से पूरा करना है.
मौजूदा समय में 'पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान' पोर्टल पर 44 केंद्रीय मंत्रालय और 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार हैं. पीएम गति शक्ति आने से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की गति को बड़ा बूस्ट मिला है. इस पोर्टल पर 1,600 से अधिक डेटा लेयर हैं, जो कि सरकारी विभागों की इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को किफायती बनाने में मदद करती हैं. मौजूदा समय में इसमें 533 से ज्यादा प्रोजेक्ट मैप हो चुके हैं.